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शरद पाठक, छिंदवाड़ा। सीमा पर देश की रक्षा के लिए तैनात जवानों के लिए तीज और त्योहार के दिन भी एक समान ही होते हैं। परिवार से मीलों दूर होने के कारण वे त्योहार की खुशियां अपनों के साथ नहीं मना पाते। बहन और भाइयों के अटूट प्रेम का त्योहार रक्षा बंधन पर फौजी भाइयों की कलाई सूनी ना रहे, उनके हाथों में भी रक्षा सूत्र बंधा हुआ हो इसके लिए छिंदवाड़ा में बहनों ने तैयारी शुरू कर दी है। वे देश की सीमा पर तैनात फौजी भाइयों को 7500 राखी पहुंचा रही हैं।
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छिंदवाड़ा के शहीद मेजर अमित ठेंगे स्मृति समिति से जुड़ी बहनें विगत 2014 से देश की विभिन्न सीमा पर तैनात फौजी भाइयों को राखी पहुंचाती है, ताकि परिवार से दूर रह रहे फौजी भाइयों के हाथों में भी रक्षा सूत्र बंध सके। वर्षों से चला आ रहा यह सिलसिला बना रहे इसके लिये बहनों ने सीमा के अलग-अलग क्षेत्रों में राखी पहुंचाने की तैयारी कर ली है।
समिति के सदस्यों ने बताया कि वे 2014 में इस अभियान से जुड़ी थी और पहले साल 1200 राखियां भेजी गई थी।
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उसके बाद से लगातार यह संख्या बढ़ती रही। पिछले साल उन्होंने 5500 राखी भेजी थी। इस वर्ष वे लोग करीब 7500 राखियां भेज रही हैं। उन्होंने बताया कि उन्होंने मिलिट्री हेडक्वार्टर से सैनिकों की डिटेल मांगी है जिसके आधार पर वे उनके वर्तमान पते पर राखियां भेजती हैं। देश की रक्षा में डटे हुए सैनिकों से आत्मीय जुड़ाव उन्हें गर्व की अनुभूति देता है। जानकारी देवकी पदम, समिति सदस्य ने दी।
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