लखनऊ. यूपी विधानसभा मानसून सत्र (UP Vidhan Sabha Monsoon Session) का आज आखरी दिन था. इस बीच हंगामे के चलते सत्र की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है. इससे पहले सदन में दो महत्वपूर्ण विधेयक भी पारित किया गया है. जिसमें महिलाओं के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों पर आरोपी को अग्रिम जमानत ना देने के लिए संशोधित विधेयक शामिल है. वहीं दूसरा, उत्तर प्रदेश लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली संशोधन विधेयक 2022 भी पास हो गया है.

महिला अपराध में कमी लाने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान से बचाने के लिए ये दोनों विधेयक पारित किए गए हैं. इसमें-

पहला विधेयक- दंड प्रक्रिया संहिता उत्तर प्रदेश (संशोधन) विधेयक 2022 के मुताबिक सीआरपीसी (CrPC) में संशोधन के लिए ठोस पहल करते हुए सरकार ने विधानसभा से यह संशोधन विधेयक पारित कराया है. इस विधेयक के बाद अब महिलाओं के खिलाफ होने वाले गंभीर अपराधों पर आरोपी को अग्रिम जमानत नहीं मिल पाएगी.

दूसरा विधेयक- लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली (संशोधन) विधेयक 2022 के मुताबिक दंगा और सार्वजनिक हिंसा करने के मामलों में वसूली के लिए गठित अधिकरण को मामलों का खुद संज्ञान लेने का अधिकार भी दे दिया गया है. यह विधेयक 2020 में पारित हुआ था. विधेयक में ये प्रावधान था कि दावा याचिका 3 वर्ष के भीतर दाखिल की जाएगी. नुकसान की भरपाई के लिए अधिकरण ठोस कदम उठा सकेगा.

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