JSSC CGL Paper Leak : झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) परीक्षा 2023 पेपर लीक मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. पेपर लीक का कनेक्शन यूपी-बिहार से जुड़ा हुआ है. यूपी पुलिस (Up Police) भर्ती पेपर लीक मामले में अभियुक्त मास्टरमांइड झांसी की जेल में बंद है. एसआईटी (SIT) रिपोर्ट के अनुसार माेनू गुर्जर, अलवर के बलराम गुर्जर और नोएडा (Noida) के सुमित सिहं ने मिलकर पेपर लीक किया था. माेनू गुर्जर के दोस्त नालंदा बिहार (Bihar) निवासी संजीव कुमार और पटना के अतुल वत्स ने बिहार-झारखंड (Jharkhand), प.बंगाल सहित UP में कोचिंग संचालकों और अभ्यर्थियों को परीक्षा के दो दिन पहले 26 जनवरी को ही मिल गया था. 28 जनवरी को परीक्षा होनी थी. अभ्यर्थियों और संचालकों को 3 लाख से 20 लाख रुपये तक में पेपर उपल्बध कराया गया था.
मिली जानकारी के अनुसार पेपर लीक मामले में शामिल बिहार के लखीसराय जिले के इंग्लिश टोला निवासी अभिषेक राज अपने दोस्त को परीक्षा दिलवाने सेक्टर 4 बोकारो लेकर आया था. पेपर देकर वापस जाने के दौरान उसके दोस्त ने बताया कि पेपर लीक हो गया है.
अपनी गलती से फंसे जालसाज
पेपर लीक करने वाले गिरोह ने बड़े पैमाने पर एसएससी सीजीएल के पेपर अभ्यथियों के बेचे थे. ऐसे में अभ्यर्थी पैसे वापस करने का दबाव न बनाए, इसलिए उसने उसी समय जेएसएससी की वेबसाइट पर हस्तलिखित प्रश्न पत्र और उत्तर अपलोड कर दिया, ताकि परीक्षा रद्द हो जाए. अपलोड करते वक्त पेपर के साथ गलती से उसके दोस्त का बैंक डॉक्यूमेंट भी वेबसाइट पर अपलोड हो गया. उनकी यही गलती गिरफ्तारी की कारण बनी.
नवादा के शिवनगर निवासी सत्येंद्र कुमार ने बताया कि ’28 जनवरी को होने वाली परीक्षा में सेटिंग करवाने के लिए पूर्व परिचित शैलेंद्र ने कुछ अभ्यर्थियों का जुगाड़ करने को कहा था. परीक्षा से एक दिन पहले शैलेंद्र ने अभ्यर्थियों को पटना के कच्ची तालाब के पास बुलाया और कहीं और ले जाकर उत्तर रटवाए.’
जांच में पता चला कि पेपर लीक की डील होने के बाद पटना गैंग ने अभ्यर्थियों की तलाश शुरू की. इसी दौरान एक सदस्य का बिहार विधानसभा के मार्शल रिजवान से संपर्क हुआ. रिजवान ने अपने ससुर झारखंड विधानसभा के तत्कालीन अवर सचिव शमीम से संपर्क किया. इसके बाद शमीम ने अपने बेटे विधानसभा में कंप्यूटर ऑपरेटर शहजादा व छोटे बेटे शाहनवाज के साथ मिलकर अभ्यर्थियों को फांसना शुरू किया
एसआईटी की जांच में यह भी पता चला है कि शमीम अभ्यर्थियों को डोरंडा स्थित पुराने हाईकोर्ट भवन परिसर में बुलाता था. वहीं डीलिंग करता था. इसके बाद वह अभ्यर्थियों की डिटेल्स अपने बेटे शहजादा को भेज देता था. शहजादा विधानसभा में ही बैठकर उनका फॉर्म भरता था.
शमीम ने जिससे रुपए लिए, उसे परीक्षा से दो दिन पहले पटना भेज दिया। वहां रिजवान ने बंद कमरे में सवालों के जवाब रटवाए. परीक्षा रद्द होने के बाद कई अभ्यर्थियों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसमें रुपए लेने की बात कही थी. शमीम ने अभ्यर्थियों से बात करने के लिए अपने मृत संबंधियों के नाम पर सिम कार्ड खरीदा था, ताकि पकड़े न जाए.
यूपी पुलिस से मिली जानकारी
जांच के दौरान 18 अप्रैल को यूपी के स्पेशल टास्क फोर्स की मेरठ इकाई की ओर से रांची एसएसपी को ईमेल भेजा गया था. इसमें कहा गया था कि मेरठ के कांकर खेड़ा का रहने वाला रवि अत्री और उसका गिरोह पेपर लीक मामले में शामिल है. रवि ने बताया कि मोनू गुर्जर, बलराम गुर्जर और सुमित सिंह ने पेपर लीक कराया था. बलराम गुर्जर मूल रूप से राजस्थान के अलवर के हनुमान बास का रहने वाला है. उसके खिलाफ जयपुर के विभिन्न थानों में जालसाजी, मारपीट और गैर इरादतन हत्या सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है. रवि और मोनू गुर्जर यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी अभियुक्त है। रवि मेरठ तो मोनू झांसी जेल में बंद है. इसके बाद पुलिस ने रवि से पूछताछ की.
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