नई दिल्ली. लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने पार्टी कार्यकर्ताओं को नसीहत दी है. उन्होंने कहा कि नेतागीरी का मतलब किसी को लूटना नहीं होता है.  वे रविवार को अल्पसंख्यक मोर्चे की कार्यसमिति को संबोधित कर रहे थे. इसी बीच उन्होंने कहा कि नेतागिरी का मतलब फॉर्च्यूनर से कुचलना नहीं होता…

अल्पसंख्यक मोर्चे की कार्यसमिति में स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि नेतागीरी का मतलब जान लें कि आप किसी को लूटने नहीं आए हैं, फॉर्च्यूनर से किसी को कुचलने नहीं आए हैं. आपके व्यवहार की वजह से ही आपको वोट मिलेगा. जिस मोहल्ले में आप रहते हैं, वहां 10 लोग आपकी तारीफ करते हैं, तो मेरा सीना चौड़ा हो जाएगा. यह न हो कि आपके मोहल्ले के लोग ही आपकी शक्ल न देख पाएं.

आपको याद दिला दें कि लखीमपुर खीरी में पिछले रविवार को बीजेपी नेताओं, कार्यकर्ताओं और किसानों के बीच जबरदस्त हिंसा हुई थी. इसमें केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा पर किसानों को गाड़ी से कुचलने का आरोप लगा था. अब आशीष इस आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है. हालांकि आशीष का दावा है कि वह इस पूरे प्रकरण के दौरान कहीं और था.

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद कई वीडियो सामने आए, जिसमें थार गाड़ी किसानों को कुचलती दिखाई दे रही है. उसके पीछे एक फॉर्च्यूनर गाड़ी भी तेजी से निकलती देखी जा सकती है. विवाद बढ़ने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने लखीमपुर खीरी का दौरा किया था और बाद में मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. कोर्ट की कड़ी फटकार के बाद पुलिस ने आशीष मिश्र को बीते दिन 12 घंटे लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया.

क्राइम ब्रांच ने मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा को पहले भी तलब किया था, लेकिन तब वह नहीं पहुंचा था. इसे बाद अगले दिन फिर से उसे पूछताछ के लिए बुलाया गया, जहां पर समय से पहले पहुंचा. पहले समन पर नहीं पहुंचने के बाद आशीष के नेपाल भागने की भी चर्चा थी.

हालांकि, आशीष के पिता और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी खुद सामने आए थे और कहा था वह कहीं नहीं गया है. पूछताछ में शामिल होने के दौरान आशीष ने पुलिस अधिकारियों को कई वीडियोज भी सौंपे हैं, जिसके जरिए उसने दावा किया कि वह घटनास्थल पर मौजूद नहीं था. इस दावे का क्रॉस एग्जामिनेशन करने के लिए पुलिस घटनास्थल पर पहुंचकर जांच कर रही है.