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लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र ( UP Budget Session 2025 ) जारी है। विपक्ष के हंगामे के बाद सदन की कार्यवाही 12:30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी। वंदे मातरम गीत के साथ सदन की कार्यवाही पुनः शुरू की गई। अभी सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ बोल रहे हैं। यूपी सीएम प्रदेश की क्षेत्रीय भाषाओं को बढ़ावा देने और समाजवादी पार्टी पर तंज कस रहे है। योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को इस सदन में सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार इन सभी के लिए अलग-अलग अकादमियां बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है। भारी हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
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समाजवादियों का चरित्र दोहरा
योगी ने आगे कहा कि यह सदन केवल शुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानों के लिए नहीं है। अगर कोई हिंदी में धारा प्रवाह नहीं बोल सकता है, तो उसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज या बुंदेलखंडी में भी अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए। यह क्या बात हुई कि कोई भोजपुरी या अवधी न बोले और उर्दू की वकालत करे? यह बहुत विचित्र बात है। समाजवादियों का चरित्र इतना दोहरा हो गया है कि वे अपने बच्चों को अंग्रेजी पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरों के बच्चों को गांव के सरकारी स्कूल में पढ़ने की सलाह देंगे। जहां, संसाधन भी नहीं हैं। ये उनके बच्चों को मौलवी बनाना चाहते हैं।
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नेता प्रतिपक्ष बोले- अंग्रेजी हटाओ उर्दू भाषा लाओ
इधर, नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने सदन में अंग्रेजी हटाकर उर्दू भाषा शामिल करने की मांग की है। उर्दू ऑप्शन न होने पर माता प्रसाद पांडेय ने जमकर विरोध किया और कहा कि अंग्रेजी हटाओ उर्दू भाषा लाओ। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने राज्यपाल के अभिभाषण पर कहा कि समाजवादी पार्टी ने उसका विरोध किया, क्योंकि उसमें झूठे आंकड़े दिए गए थे। महाकुंभ की भगदड़ में जो मौतें हो रही हैं, उसके सही आंकड़ों की मांग की जा रही थी लेकिन सरकार झूठी संख्या बता रही है। उन्होंने आगे कहा कि राज्यपाल आधा भाषण छोड़कर चली गई। हमें लगता है कि वे महाकुंभ में हुई घटनाओं से दुखी थीं इसलिए उन्होंने पूरे भाषण को ही नहीं पढ़ा।
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