लखनऊ । यूपी विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू हो गई है। सदन की शुरुआत प्रश्नकाल के साथ हुई। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने फिर से हंगामा करना शुरू कर दिया। आज ज्यादातर विधायक सदन नहीं आए हैं। योगी सरकार के 14 मंत्री ही सदन में मौजूद है। आज बिजली के निजीकरण के मुद्दे को लेकर सपा के विधायक सदन में हंगामा कर सकते हैं। किसानों की समस्या का समाधान कराने की मांग को लेकर आज सपा विधायक अतुल प्रधान गन्ना लेकर सदन पहुंचे। विधानसभा अध्यक्ष ने मीडिया से कहा कि सभी दलों के सहयोग से सदन 5 मार्च तक चलेगा। सरकार चाहती है कि विधानसभा में ज्यादा से ज्यादा जनहित के मुद्दों पर चर्चा हो। विपक्ष के सवालों का सरकार उसका समुचित जवाब देगी।

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बजट सत्र के पहले दिन सपा ने किया जोरदार हंगामा

बता दें कि यूपी विधानसभा सत्र के पहले दिन विपक्ष ने इतना हंगामा किया कि राज्यपाल पूरा अभिभाषण भी नहीं पढ़ पाई। शोर-शराबे के बीच राज्यपाल महज साढ़े 8 मिनट भाषण पढ़कर लौट गईं। जबकि उनका अभिभाषण 59 मिनट का था। समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने राज्यपाल वापस जाओ। नकारा है सरकार। कुंभ में मौत के आंकड़ों जारी करो, झूठा भाषण बंद करो…जैसे कई नारे लगाए और विधानसभा के वेल में बैठकर जमकर हंगामा किया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांड ने ये तक कह दिया कि राज्यपाल आधा भाषण छोड़कर चली गई। हमें लगता है कि वे महाकुंभ में हुई घटनाओं से दुखी थीं इसलिए उन्होंने पूरे भाषण को ही नहीं पढ़ा।

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सीएम योगी ने सपा पर बोला हमला

वहीं सीएम योगी ने बजट सत्र के पहले दिन कहा कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न बोलियों भोजपुरी, अवधी, ब्रज और बुंदेलखंडी को सदन में सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार इन सभी के लिए अलग-अलग अकादमियां बनाने की प्रक्रिया को भी आगे बढ़ा रही है लेकिन समाजवादी पार्टी के लोगों को इससे दिक्कत हो रही है। योगी ने कहा कि यह सदन केवल शुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानों के लिए नहीं है। अगर कोई हिंदी में धारा प्रवाह नहीं बोल सकता है, तो उसे भोजपुरी, अवधी, ब्रज या बुंदेलखंडी में भी अपनी बात रखने का अधिकार मिलना चाहिए। यह क्या बात हुई कि कोई भोजपुरी या अवधी न बोले और उर्दू की वकालत करे? यह बहुत विचित्र बात है। समाजवादियों का चरित्र इतना दोहरा हो गया है।