लखनऊ. योगी सरकार 2.0 का पहला बजट गुरुवार को यूपी विधानसभा में पेश हुआ. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना बजट पेश किया. उन्होंने 6 लाख 15 हजार 518 करोड़ 97 लाख रुपए का बजट पेश किया. खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार के पिछले कार्यकाल के पहले वर्ष में प्रदेश के 86 लाख लघु और सीमान्त किसानों के फसली ऋण का मोचन कराया गया. गन्ना मूल्य भुगतान में प्रदेश देश में प्रथम स्थान पर है.
सुरेश खन्ना ने कहा कि हमारी सरकार द्वारा पेराई सत्र 2017-2018 से 2021-2022 तक के सापेक्ष 16 मई , 2022 तक 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रुपए के गन्ना मूल्य का भुगतान कराया जो एक कीर्तिमान है. इसमें पूर्व वर्षों की 10 हजार 662 करोड़ रूपए की धनराशि भी शामिल है. यह धनराशि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य हुए गन्ना मूल्य भुगतान से हजार 500 करोड़ रुपए अधिक है. प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से 250 करोड़ किसानों को 6000 रुपए वार्षिक आर्थिक सहायता दिलाकर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान पर है.
वित्त मंत्री ने कहा कि हमने इन्वेस्टर्स समिट -2018 का आयोजन कराया जिसमें प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रूपये तक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 03 लाख करोड़ रूपये के निवेश प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में है. इन निवेशों से 05 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं. आगामी 03 जून को इन्वेस्टर्स समिट की तीसरी ग्राऊण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में 75 हजार करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जायेगा. कोविड कालखण्ड में औद्योगिक निवेश की गति को बनाये रखने हेतु विशेष हेल्प डेस्क संचालित किया गया. राज्य सरकार एक्सप्रेस-वे जलमार्ग हवाई अड्डों तथा अन्य मल्टी मोडल परियोजनाओं के माध्यम से विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे तथा निर्बाध कनेक्टिविटी के विकास को सुनिश्चित करते हुए त्वरित अवस्थापना विकास को बढ़ावा दे रही है.
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उन्होंने कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों के उत्पादों एवं पारम्परिक शिल्पों के समग्र विकास हेतु संचालित ” एक जनपद- एक उत्पाद के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश से होने वाला निर्यात 88 हजार करोड़ रूपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रूपये हो गया है. यह हर्ष का विषय है कि उत्तर प्रदेश एक उत्कृष्ट निवेश डेस्टिनेशन के रूप में उभरा है. इस दिशा में राज्य सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में अभूतपूर्व प्रगति करते हुए देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है.
सुरेश खन्ना ने कहा कि प्रदेश स्तर पर अन्तर्जनपदीय राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी संचालित किये जाने के उपरान्त भारत सरकार की ” वन नेशन वन राशन कार्ड योजना ” के अन्तर्गत प्रदेश में राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा माह मई , 2020 से लागू है जिसके अन्तर्गत उत्तर प्रदेश के कार्ड धारक अन्य राज्यों की किसी भी उचित दर की दुकान से अपना खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं. मई , 2020 से मार्च , 2022 तक अन्य राज्यों के 37.971 राशन कार्डधारकों द्वारा उत्तर प्रदेश से तथा उत्तर प्रदेश के 8,99,798 कार्डचारकों द्वारा अन्य राज्यों से अपना खाद्यान्न प्राप्त किया गया है.