UP By-Election. यूपी की 10 विधानसभा सीटों में होने वाले उपचुनाव के लिए बहुजन समाज पार्टी ने पूरी तरह से कमर कस ली है. उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ चुनाव में बसपा का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा को अपेक्षित सफलता नहीं मिली थी और बसपा का जनाधार लगातार घटता जा रहा है. हालांकि मायावती की नेतृत्व वाली बसपा का प्रभाव दलित और पिछड़ी जातियों के बीच अब भी कायम है. इस बार उपचुनाव में बसपा की रणनीति और उसके प्रत्याशियों का चयन अहम भूमिका निभाएगा.
बसपा ने मीरापुर ने शाह नजर को प्रत्याशी बनाया है. शाह नजर जिला पंचायत अध्यक्ष हैं. शाह नजर चंद्रशेखर आजाद रावण की पार्टी से जुड़े रहे हैं. मिल्कीपुर से बसपा ने रामगोपाल कोरी को प्रत्याशी बनाया है. 2017 में बसपा के टिकट पर रामगोपाल कोरी मिल्कीपुर से चुनाव लड़ा था और 54000 वोट हासिल किए थे. कटेहरी से बसपा अमित वर्मा को प्रत्याशी बना सकती है. 2022 के विधानसभा चुनाव में मीरापुर से रालोद के चंदन चौहान ने 107421 वोट से जीत हासिल की थी. इस चुनाव में बसपा के मोहम्मद सलीम को 23797 वोट मिले थे. मोहम्मद सलीम चुनाव में तीसरे नंबर पर रहे थे.
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मिल्कीपुर से 2022 के विधानसभा चुनाव में सपा के अवधेश प्रसाद ने जीत हासिल की थी. इस चुनाव में अवधेश प्रसाद को 103905 वोट मिले थे।बसपा से चुनाव लड़ी मीरा देवी को 14427 वोट मिले थे. मीरा देवी तीसरे नंबर पर रही थीं. 2022 में कटेहरी विधानसभा सीट से सपा से लालजी वर्मा ने 93524 वोटों के से जीत हासिल की थी. बसपा के प्रतीक पांडेय तीसरे नंबर पर रहे थे और उन्हें चुनाव में 58482 वोट मिले थे. बता दें कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा मीरापुर, मिल्कीपुर और कटेहरी विधानसभा सीट पर तीसरी नंबर पर रही थी. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि आगामी उपचुनाव में इन विधानसभा सीटों पर बसपा कैसा प्रदर्शन करती है.
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यूपी की जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं उनमें कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर, मीरापुर, गाजियाबाद, मझवां, सीसामऊ, खैर, फूलपुर और कुंदरकी सीट शामिल हैं. इन विधानसभा सीटों में से 9 सीट लोकसभा चुनाव में सपा विधायकों के सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई हैं, जबकि सीसामऊ सीट सपा के इरफान सोलंकी को आपराधिक मामले में जेल की सजा होने से उनकी सदस्यता रद्द हो गई, इससे यह सीट खाली हो गई.
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खाली हुई 10 विधानसभा सीटों में से पांच सीसामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी सपा के पास थी. फूलपुर, गाजियाबाद, मझवां और खैर भाजपा के पास थी. मीरापुर सीट भाजपा के सहयोगी राष्ट्रीय लोक दल (रालोद) के पास थी. करहल सीट सपा मुखिया अखिलेश यादव के कन्नौज से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है, जबकि कटेहरी सीट लालजी वर्मा के अंबेडकर नगर लोकसभा सीट से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है.
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अवधेश प्रसाद को अयोध्या लोकसभा से सांसद चुने जाने के कारण उन्हें मिल्कीपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा देना पड़ा, जबकि सपा नेता जिया उर रहमान बर्क की मुरादाबाद की कुंदरकी विधानसभा सीट संभल लोकसभा से सांसद चुने जाने के कारण खाली हुई है. राष्ट्रीय लोकदल के चंदन चौहान ने बिजनौर से लोकसभा से सांसद चुने जाने के बाद मुजफ्फरनगर की मीरापुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया.
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भाजपा के विनोद कुमार बिंद ने भदोही लोकसभा से सांसद चुने जाने के बाद मिर्जापुर की मझवां विधानसभा सीट छोड़ दी है. भाजपा के अनूप सिंह उर्फ अनूप प्रधान बाल्मीकि ने हाथरस लोकसभा से सांसद चुने जाने के बाद अलीगढ़ की खैर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है. भाजपा के प्रवीण पटेल ने फूलपुर लोकसभा से सांसद चुने जाने के बाद प्रयागराज की फूलपुर विधानसभा सीट से इस्तीफा दे दिया है.
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