लखनऊ. योगी सरकार जल्द से जल्द शहरी स्थानीय निकाय चुनाव कराने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार, जैसा कि सरकार शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को कोटा लाभ देने के लिए दृढ़ है, सरकार ने राज्य में इन चुनावों से पिछड़े आरक्षण को खत्म करने के हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है.

उन्होंने आगे कहा, पिछली सरकारें पहले ही इस सरकार द्वारा अपनाए गए रैपिड सर्वे के आधार पर शहरी स्थानीय निकाय और पंचायत चुनाव करा चुकी हैं. अब यह संभावना नहीं है कि चुनाव जल्द ही होंगे, हालांकि उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया है कि चुनाव 31 जनवरी, 2023 तक कराए जाने चाहिए. आगे की कार्रवाई कानूनी टीम और शहरी विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा की जाएगी. अगले कदम के रूप में, राज्य सरकार 762 शहरी स्थानीय निकायों के भीतर विभिन्न वार्डों और इलाकों में ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन का पता लगाने के लिए एक समर्पित आयोग स्थापित करेगी.

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शहरी विकास विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने खुलासा किया कि राज्य में ओबीसी के लिए मौजूदा आयोग के पास राज्य में ओबीसी के राजनीतिक पिछड़ेपन पर डेटा एकत्र करने या प्रस्तुत करने या रिपोर्ट करने का अधिकार नहीं है.

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