लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आईएएस सुहास एलवाई विश्व के नंबर 1 खिलाड़ी बन गए हैं. विश्व रैंकिंग की रिपोर्ट में पहली बार नंबर 1 की टॉप पोजिशन भारत को मिली हैं. बैडमिंटन विश्व महासंघ पैरा बैडमिंटन रैंकिंग में पुरुष एकल वर्ग में आईएएस सुहास पहले स्थान पर आए.

भारत के पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी सुहास यथिराज मंगलवार को नवीनतम बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग में फ्रांस के दिग्गज लुकास माजुर को पछाड़कर दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी बन गए हैं. उत्तर प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी सुहास ने इस साल फरवरी में इंडोनेशिया के फ्रेडी सेतियावान को पछाड़कर विश्व चैंपियनशिप खिताब जीता था. 

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चालीस वर्षीय अर्जुन पुरस्कार विजेता सुहास को टोक्यो पैरालंपिक के एसएल-4 वर्ग के खिताबी मुकाबले में माजुर के खिलाफ हार के चलते रजत पदक से संतोष करना पड़ा था. सुहास के नाम पर अब 60 हजार 527 अंक हैं जो फ्रांस के उनके प्रतिद्वंद्वी माजुर (58 हजार 953) से अधिक हैं. 

कर्नाटक में हुआ जन्म

सुहास एलवाई का जन्म कर्नाटक के शिगोमा शहर में हुआ था. वह जन्म से ही दिव्यांग थे. पढ़ाई-लिखाई स्थानीय भाषा कन्नड़ में शुरू की. इसके बाद अंग्रेजी मीडियम के स्कूल में दाखिला लेने गए तो 3 स्कूलों ने उनका एडमिशन लेने से ही मना कर दिया. इसके बाद चौथे स्कूल ने उनका एडमिशन लिया.

बचपन से था ये सपना

पैर से दिव्यांग होने के बावजूद सुहास एलवाई खिलाड़ी बनना चाहते थे. उनका बचपन से ही देश के लिए खेलने और जीतने का सपना था. परिवार ने सुहास को पूरी मदद दी और वह स्कूल में क्रिकेट खेलते रहे. अर्जुन अवार्ड से सम्मानित सुहास एलवाई ने इंजीनियरिंग की थी. इसके बाद उन्हें नौकरी मिल गई थी. लेकिन इसी बीच उनके पिता का देहांत हो गया.

पिता के निधन के बाद सिविल परीक्षा पास करने की ठानी

पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी भी सुहास एलवाई पर आ गई. सुहास ने नौकरी के साथ-साथ सिविल परीक्षा पास करने की ठानी. उन्होंने 2007 में UPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की. उन्हें उत्तर प्रदेश कैडर मिला. उत्तर प्रदेश कैडर मिलने के बाद उन्हें अलग-अलग जिलों में तैनाती मिली.

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2015 के आसपास उन्हें आजमगढ़ का जिलाधिकारी बनाया गया. यहां दफ्तर की थकान को मिटाने के लिए उन्होंने बैडमिंटन खेलना शुरू किया. धीरे-धीरे वह अच्छा खेलने लगे और प्रोफेशनल बैडमिंटन खेलने लगे. इसके बाद प्रयागराज समेत कई जिलों में उनका तबादला हुआ, लेकिन उनका खेल उनसे नहीं छूटा.

दुनिया में किया नाम रोशन

सुहास ने 2016 में ही चीन में खेले गए एशियाई पैरा चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता. इसके बाद 2020 में उन्होंने टोक्यो पैरालंपिक में रजत और 2024 में थाईलैंड में आयोजित विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता. सुहास एलवाई ने बीडब्ल्यूएफ पैरा बैडमिंटन वर्ल्ड रैंकिंग में पहली रैंक हासिल की है.

सुहास ने कही ये बात

सुहास एलवाई ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि “आखिरकार वर्ल्ड नंबर-1, इसे साझा करते हुए खुशी हो रही है. मुझे जीवन में पहली बार बैडमिंटन विश्व महासंघ की पैरा बैडमिंटन रैंकिंग में वर्ल्ड की नंबर-1 रैंकिंग मिली है. इससे पहले लंबे समय तक इस स्थान पर लुकास माजुर बने हुए थे. आपके आशीर्वाद और शुभकामनाओं के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. जय हिंद.

CM योगी ने दी बधाई

मुख्यमंत्री योगी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सुहास एलवाई की पोस्ट को शेयर करते हुए लिखा कि “बधाई हो, खेल के प्रति आपका समर्पण और साथ में प्रशासनिक कर्तव्यों का कुशल संचालन सराहनीय है. आपके भविष्य में सभी प्रयासों की सफलता की कामना करता हूं. हमें आपकी उपलब्धियों और आपसे मिलने वाली प्रेरणा पर गर्व है.”

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