लखनऊ. उत्तर प्रदेश ने अंतरदेशीय मछली पालन (मैदानी क्षेत्र) में पहला स्थान प्राप्त किया है. इसकी घोषणा विश्व मत्स्य पालन दिवस के अवसर पर मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ने की है. उत्तर प्रदेश को यह अवार्ड दिल्ली में विश्व मत्स्य पालन के अवसर पर 21 और 22 नवंबर को आयोजित ग्लोबल फिशरीज कॉन्फ्रेंस इंडिया- 2023 में दिया जाएगा.

यह जानकारी मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री डॉ. संजय कुमार निषाद ने शनिवार को लोकभवन में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में दी. मत्स्य विकास विभाग के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए ही योगी सरकार ने मत्स्य विभाग की जिम्मेदारी कैबिनेट मंत्री को दी. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरुप मत्स्य पालन से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारा गया. इसी का नतीजा है कि प्रदेश में पिछले साढ़े छह वर्षों में मत्स्य पालन और उत्पादन में काफी वृद्धि दर्ज की गई है.

इसे भी पढ़ें – आगरा में डिलीवरी के बाद अस्पताल में बच्चा छोड़ गई मां, जांच के लिए पहुंची टीम

सीएम योगी की दूरदर्शी सोच का असर है कि आज उत्तर प्रदेश ने पूरे देश में अंतरदेशीय मछली पालन में पहला स्थान प्राप्त किया है. पिछले साल जहां प्रदेश में मत्स्य उत्पादन 8.09 लाख मीट्रिक टन था, वहीं इस साल अब तक विभाग ने 9.15 लाख मीट्रिक टन का उत्पादन किया है. इसी तरह पिछले साल की तुलना ने इस बार विभाग ने मत्स्य बीज उत्पादन में भी बढ़ोत्तरी दर्ज की है. पिछले साल जहां 27,128 लाख मीट्रिक टन मत्स्य बीज उत्पादन था, वहीं इस बार अब तक 36,187 लाख मीट्रिक टन है. प्रदेश में वर्तमान में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 31 परियोजनाएं संचालित की जा रही है. इन योजनाओं के तहत अब तक 15282.5 लाख रुपए की धनराशि लाभार्थियों को वितरित की जा चुकी है.

छतीसगढ़ की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक 
मध्यप्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
दिल्ली की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
पंजाब की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
English में खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
मनोरंजन की खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक