लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विधानपरिषद के 11 सदस्यों का कार्यकाल 30 जनवरी को पूर्ण हो जाएगा. विधानपरिषद सदस्यों के लिए विदाई समारोह कार्यक्रम का आयोजन 29 जनवरी को विधानभवन के तिलक हॉल में किया गया। इस समारोह में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे.

मुख्यमंत्री योगी विधान मंडल को संबोधित करते हुए कहा कि विधायिका के शक्तिशाली होने और उसे समर्थ बनाने में सबसे बड़ी भूमिका वहां पर आने वाले सदस्यों की है। सदस्यों के संवाद से इसको काफी ताकत मिलती है। वह अपने संवाद को माध्यम बनाकर अपनी बातों को सहजता के साथ सरलता के साथ अपनी बातों को सदन में रखते हैं, यह काफी मायने रखता है। उन्होंने कहा कि अगर हमें लोकतंत्र की गरिमा की रक्षा करनी है तो हमें विधायिका की गरिमा की रक्षा करनी पड़ेगी। लोकतंत्र का आधार हमारी विधायिका है, एक सशक्त और समर्थ विधायिका लोकतंत्र की जड़ों को शक्तिशाली बनाती है.

विदाई समारोह को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने कहा कि इस उच्च सदन ने सदैव विधायिका के लिए एक सुनिश्चित मापदंड तय कर रखे हैं। यही कारण था कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद को पंडित मदन मोहन मालवीय, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री पंडित गोविंद वल्लभ पंत, सर तेज बहादुर सप्रू तथा प्रख्यात कवियत्री महादेवी वर्मा जैसी विभूतियों ने सुशोभित किया। इस सदन के माध्यम से ही उन्होंने देश के सामने उत्तर प्रदेश की विधायिका, विधान मंडल तथा विधान परिषद की गरिमा को एक नई ऊंचाई दी थी.