लखनऊ। हाईकोर्ट ने लखनऊ के सिल्वर लाइन अपार्टमेंट के ध्वस्तीकरण पर फिलहाल रोक लगा दी है। अपार्टमेंट में रहने वाले कई फ्लैट मालिकों ने इस फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी। इससे पहले लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने फ्लैट मालिकों को 15 दिन के भीतर अपार्टमेंट खाली करने का नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने एलडीए को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है। साथ ही उसके दो हफ्ते बाद याचियों को प्रत्युत्तर दाखिल करने के निर्देश दिए हैं।

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LDA की जांच में दोषियों की संख्या बढ़ी

लखनऊ में करीब 15 साल पहले हुए अवैध निर्माण के मामले में एलडीए के 26 इंजीनियर दोषी पाए गए थे। इस मामले में लगातार छानबीन चल रही है। रोज नए खुलासे हो रहे हैं। अब अवैध अपार्टमेंट बनवाने वाले इंजीनियरों की संख्या 26 से बढ़कर सीधे 52 हो गई है। जिनके खिलाफ रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजा जा रहा है। लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष का कहना है कि जो भी इस मामले में संलिप्त है। उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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एलडीए ने जिन 83 अवैध अपार्टमेंट को गिराने का नोटिस थमाया था, वो शहर के अलग-अलग जगहों में स्थित है। इस कार्रवाई से लगभग 800 परिवारों पर आफत की तलवार लटक रही है। इससे पहले एलडीए के अधिकारियों ने कहा था कि यह अवैध बिल्डिंग का मामला है। इसके लिए फ्लैट बनाकर बेचने और खरीदने वाले दोनों जिम्मेदार है। बिल्डिंग में रहने वाले लोग अपने बिल्डर से बात करें। उन्हें न पैसा मिलेगा और न ही उन्हें किसी जगह विस्थापित किया जाएगा।