सुल्तानपुर. उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनाव के परिणाम सामने आ गए हैं. चुनाव में भाजपा ने मारी बाजी है. चार बार के एमएलसी रहे शैलेंद्र प्रताप सिंह ने पांचवीं बार बाजी मारी है. 1362 वोटों से सपा की शिल्पा प्रजापति को हराया. शैलेंद्र सिंह को 2481 वोट मिले. वहीं शिल्पा को 1119 वोट मिले.

सुल्तानपुर में पहली बार भाजपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज कर यहां कमल खिलाने का काम किया है. यहां से भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी शैलेंद्र प्रताप सिंह के द्वारा जीत दर्ज की गई हैं. एमएलसी पद पर यह उनकी 5वीं जीत है. इस बार के चुनाव में उन्होंने गायत्री प्रजापति की पुत्रवधू शिल्पा प्रजापति को चुनाव में हराया है. शैलेंद्र प्रताप सिंह ने शिल्पा प्रजापति को 1362 मतों से शिकस्त दी है. विधान परिषद चुनाव की यह मतगणना नगर के सरदार बल्लभ भाई पटेल सामुदायिक भवन में संपन्न हुई. मतगणना के दौरान सामने आया कि भाजपा प्रत्याशी शैलेन्द्र प्रताप सिंह को 2481 मत मिले. जबकि समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी शिल्पा प्रजापति को 1119 मत मिले. जिस दौरान मतगणना हो रही थी उस दौरान पूरे समय यहां पर डीएम रवीश गुप्ता की मौजूदगी देखी गई.

आपको बता दें कि सुल्तानपुर-अमेठी में कुल 3895 वोटर थे. इन वोटरों में से सुल्तानपुर में 2220 तो अमेठी में  कुल 1675 मतदाता थे. हालांकि सुल्तानपुर से 2205 वोट पड़े और अमेठी में 1642 मतदाताओं के द्वारा अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया गया. शैलेंद्र प्रताप ने यहां जीत दर्ज कर कमल खिला दिया है. आपको बता दें कि भाजपा प्रत्याशी शैलेंद्र प्रताप सिंह 1990 में जनता दल (जनमोर्चा) से विधान परिषद सदस्य चुने गए. इसके बाद वह वर्ष 1996 और 2003 में भी विधान परिषद के सदस्य चुने गए.

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हालांकि इस बीच उन्होंने प्रतापगढ़ में कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह के संपर्क में होने के कारण दलबदल किया और समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. इसके बाद साल 2004 में समाजवादी पार्टी ने उन्हें लोकसभा का प्रत्याशी भी बनाया, लेकिन उस चुनाव में शैलेंद्र प्रताप को बसपा प्रत्याशी मोहम्मद ताहिर खां से पराजय का सामना करना पड़ा. वर्ष 2010 में उन्होंने फिर से विधान परिषद का चुनाव लड़ा लेकिन बहुजन समाज पार्टी की लहर में उन्हें फिर से हार का सामना करना पड़ा.

इस चुनाव में उन्हें अशोक सिंह ने शिकस्त दी. इसके बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और 2016 के चुनाव में शैलेंद्र सिंह ने फिर से विधान परिषद का चुनाव लड़ा. 2016 के चुनाव में शैलेंद्र की ओर से जीत का परचम फहराया गया. 2022 के चुनाव से पहले वह 16 जनवरी 2022 को समाजवादी पार्टी से किनारा कर भाजपा में शामिल हो गए. कहा गया कि उन्होंने पार्टी त्यागा ही एमएलसी का पद बचाने के लिए था. जब 2022 का परिणाम आया तो शैलेंद्र सिंह न सिर्फ अपना पद बचाने में कामयाब रहे बल्कि उन्होंने यह सीट भी जीतकर भाजपा की झोली में डाल दी.