नोएडा. गौतमबुद्ध नगर में स्थित लुक्सर जेल में बंद 132 कैदी एक माह मे कोविड-19 से पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें से 114 कैदी ठीक होकर अस्पताल से जेल वापस आ गए हैं. सभी कैदियों का उपचार ग्रेटर नोएडा के एक अस्पताल में हो रहा है. लुक्सर जेल के सुपरिटेंडेंट बीएस मुकुंद ने बताया कि लुक्सर जेल के अंदर बंद 132 कैदी जांच में कोविड-19 से पॉजिटिव पाए गए हैं.

उन्होंने बताया कि इनको ग्रेटर नोएडा स्थित एक अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है. कैदियों की हालत स्थिर बनी हुई है. अब तक 114 कैदी कोविड-19 के संक्रमण से ठीक होकर जेल वापस आ गए हैं. जेल में निरूद्ध 128 कैदियों को अब तक कोरोना वायरस का टीका लगवाया गया है. वे सभी स्वस्थ हैं.

बीएस मुकुंद ने बताया कि जेल के अंदर आने वाले कैदियों को 14 दिन तक जेल परिसर में बने अस्थाई जेल में रखा जाता है. सभी का कोरोना वायरस का टेस्ट करवाया जाता है. अगर वे 14 दिन तक स्वस्थ रहते हैं, उसके बाद ही उन्हें स्थाई बैरक में भेजा जाता है. जेल के अंदर करीब 2700 कैदी निरुद्ध है. सुप्रीम कोर्ट के हाई पावर कमेटी ने निर्णय लिया है, कि जेल में निरुद्ध कैदियों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए उन्हें 2 माह के लिए पैरोल पर छोड़ा जाए. उन कैदियों को पैरोल पर छोड़ा जा रहा है, जिनकी सजा कोर्ट ने 7 साल या 7 साल से कम दी है. या वे कैदी जो उन धाराओं में बंद है, जिसमें सजा अधिकतम 7 वर्ष या उससे कम है.

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उन्होंने बताया कि आयुष विभाग द्वारा सुझाए गए काढ़ा को बनाकर लगातार बंदियों को दिया जा रहा है. जेल सुपरिंटेंडेंट ने बताया कि अगर कोई कैदी तबीयत खराब होने की शिकायत करता है, तो उसे तुरंत दवा उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही उसका कोरोना वायरस का परीक्षण करवाया जा रहा है.