प्रयागराज. उत्तर प्रदेश की विभिन्न जेलों के करीब 510 सजायाफ्ता कैदियों ने यूपी राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय (यूपीआरटीओयू) में विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए प्रवेश लिया है. विश्वविद्यालय ने जेल में बंद युवाओं को अपनी अकादमिक खोज जारी रखने को प्रेरित करने के लिए अपने द्वारा चलाए जा रहे कई पाठ्यक्रमों के लिए कैदियों का नामांकन शुरू कर दिया था.

विवि ने 2019 से कैदियों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की सुविधा शुरू की थी और उस समय 41 कैदियों ने प्रवेश लिया था. अब, अपनी पसंद के पाठ्यक्रमों में दाखिला लेने वाले कैदियों की संख्या केवल एक वर्ष में लगभग 12 गुना बढ़ गई है. इन 510 कैदियों ने विश्वविद्यालय द्वारा चलाए जा रहे स्नातक, परास्नातक, प्रमाण पत्र और डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया है. यूपीआरटाऊ ने वर्ष 2019 में नैनी सेंट्रल जेल में गंभीर अपराधों के लिए सजा काट रहे कैदियों को मुफ्त शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया था. इसके बाद प्रदेश के विभिन्न जिलों के जेल प्रशासन ने भी अपने-अपने जेलों के दोषियों को सुविधा मुहैया कराने के लिए विश्वविद्यालय से संपर्क किया.

कुलपति प्रो. सीमा सिंह ने बताया कि अगले माह के दूसरे सप्ताह के बाद इस सत्र की परीक्षा ऑफलाइन मोड में कराने की तैयारी की जा रही है और इस बार 510 सजायाफ्ता कैदी विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए अपनी परीक्षा भी देंगे, जिसमें वे नामांकित हैं. इन कैदियों की जेल में परीक्षाएं कराई जाएंगी. कुलपति ने आगे बताया कि प्रवेश लेने वाले कैदियों की अधिकतम संख्या (100), नैनी सेंट्रल जेल से हैं, जबकि न्यूनतम (4) अयोध्या जेल से हैं.

इसी तरह आजमगढ़, फतेहपुर, आगरा, नोएडा, बरेली, कानपुर, मेरठ और बनारस के सजायाफ्ता कैदियों ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश लिया है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष के दौरान 41 कैदियों ने प्रवेश लिया था और इस वर्ष के दीक्षांत समारोह में 21 कैदियों को डिप्लोमा/डिग्री से सम्मानित किया गया था.