69000 Teacher Recruitment: 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. नई लिस्ट रद्द करने की मांग की गई है. अनारक्षित वर्ग के दो चयनित और एक अचयनित अभ्यर्थियों ने फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इससे पहले आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने इस मामले में कैविएट दाखिल कर रखी है.

दरअसल, हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने आरक्षण नियमों का पालन न करने को लेकर योगी सरकार द्वारा जारी की गई चयन लिस्ट को रद्द कर दिया था. कोर्ट ने 3 महीने के अंदर नई लिऐ जारी करने का आदेश दिया था. इसके बाद से योगी सरकार पर विपक्ष ने आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया था. इस पर योगी सरकार ने बयान जारी कर कहा था कि सरकार किसी भी अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने देगी.

बता दें कि इसके पहले भी आरक्षित और अनारक्षित अभ्यर्थी हाईकोर्ट के आदेश को लेकर आमने सामने आ चुके हैं. 22 अगस्त को आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी बेसिक शिक्षा निदेशालय पर धरना दे रहे थे तभी अनारक्षित अभ्यर्थी भी वहां पहुंच गए. दोनों आमने-सामने धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे. किसी विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए पुलिस बीच में दीवार बनकर खड़ी रही. हालांकि महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा से वार्ता में आश्वासन के बाद अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों ने धरना समाप्त कर दिया था.

69000 Teachers Recruitment: 69 हजार शिक्षक भर्ती पर योगी सरकार का बड़ा फैसला! अब आएगी नई लिस्ट

69000 Teacher Recruitment

आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी लगातार धरने पर बैठे हुए हैं. अभ्यर्थियों की मांग है कि प्रदेश सरकार इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ के आदेश का पालन करे, जिसके तहत सरकार को भर्ती की नई चयन लिस्ट जारी करनी है. अभ्यर्थियों का कहना है कि अधिकारियों के ढीले रवैये के कारण अभी तक चयन लिस्ट जारी नहीं की गई. इससे धरनारत आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों में बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के प्रति भारी आक्रोश है. इसी वजह से ओबीसी, एससी अभ्यर्थियों ने दो सितंबर को मुख्यमंत्री आवास घेरने और महाधरने का आह्वान किया है.

69000 सहायक शिक्षक भर्ती आरक्षण घोटाले का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट, अचयनित सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों ने दायर की याचिका