लखीमपुर खीरी. यूपी में लखीमपुर जिले के तिकुनिया क्षेत्र में रविवार को हुई हिंसा में मारे गए चार किसानों के परिजनों को सरकार 45-45 लाख का मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने के लिये राजी हो गई है. इसके अलावा गंभीर रूप से घायल आठ किसानों को दस-दस लाख रुपए की आर्थिक मदद करेगी. किसान नेता राकेश टिकैत और सरकार की ओर से अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार और अन्य आला अधिकारियों के बीच हुई बातचीत में यह सहमति बनी. किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अफसरों से 6वें राउंड की मीटिंग हुई. बैठक में अफसरों ने माना कि मंत्री के बेटे की गलती है.

राकेश टिकैत ने कहा कि रोकने के बाद भी आशीष ने काफिला नहीं रोका, जिसके चलते इतनी बड़ी घटना हुई. इतिहास में पहली बार है कि गृह राज्यमंत्री पर केस दर्ज हुआ है. ये देश के किसान भाइयों की जीत है. समझाैते में तय हुआ कि सरकार घटना के शिकार मृत किसानो के परिवार को 45-45 लाख रुपए का मुआवजा देगी. इसके साथ ही मरने वालों के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाएगी.

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बता दें कि मृत किसानो में दलजीत सिंह (32) नानपारा बहराइच, गुरविंदर सिंह (20) नानपारा बहराइच, लवप्रीति सिंह (19) पलिया लखीमपुर और नच्छतर सिंह धौरारा लखीमपुर शामिल हैं. उन्होने बताया कि हिंसा के कारणों की न्यायिक जांच की जाएगी, जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त अथवा मौजूदा न्यायाधीश करेंगे. अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि आठ दिनों के भीतर घटना में लिप्त सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा मगर टिकैत ने केन्द्रीय राज्य मंत्री के इस्तीफे और उनके पुत्र आशीष मिश्रा की 24 घंटे के भीतर गिरफ्तारी की मांग दोहराई. इस पर अधिकारियों ने कहा कि केन्द्रीय मंत्री का इस्तीफा राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर है हालांकि उनकी मांग केन्द्र को प्रेषित कर दी जायेगी और आशीष मिश्र की जल्द गिरफ्तारी के प्रयास किए जाएंगे.

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