लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बैंकों में 7200 करोड़ रुपए लावारिस है। इन सारे पैसों को RBI के पास ट्रांसफर कर दिया गया है। दावेदार न मिलने पर खातों को निष्क्रिय किया गया है। ज्यादातर खाताधारकों की हो चुकी मृत्यु है। जिनमें कई खाताधारकों की नामिनी भी नहीं है। यूपी के बैंकों ने 10 साल से निष्क्रिय खातों से जुड़ी रकम RBI को भेज दी है। यदि दावेदार सामने आए तो प्रक्रिया पूरी करने पर पैसा मिलेगा। जागरूकता अभियान के जरिए लोगों को इसके बारे में जानकारी दी जा रही है।
ज्यादातर खाताधारकों की हो चुकी है मृत्यु
बताया जा रहा है कि बड़ी संख्या में ऐसे खाते हैं जो परिजनों को जानकारी दिए बगैर खुलवाए गए थे। खातधारकों के मृत्यु होने से ये लावारिस हो गए। लाखों ऐसे खाते भी है। जिनमें कोई नामिनी नहीं है। बहुत से ऐसे खाते भी है जिनके परिजनों को बैंकिंग नियमों की जानकारी न होने से धन निकासी नहीं हो सकी। सालों से इन खातों से कोई लेन देन नहीं हो रहा थी। जिसके चलते इन्हें निष्क्रिय घोषित कर दिया गया है। यूपी के बैंकों ने 10 वर्ष या उससे ज्यादा से बिना दावे की इस रकम को बैंकों ने आरबीआई को भेज दिया है।
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इस संबंध में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इन डिपाजिटर एजुकेशन एंड अवेयरनेस फंड खातों के खाताधारकों या उनके परिजनों को जागरूक करने के निर्देश दिए हैं। जिससे खाताधारकों से आवेदन लिया जा सके। साथ ही केवाईसी की प्रक्रिया पूरी कर खातों को फिर से सक्रिय किया जा सके। जिसके लिए प्रदेश में 3 महीने का जागरूकता कार्यक्रम शुरू किया गया है। प्रदेश के गांवों में जागरूकता कैंप लगाए जा रहे हैं।
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