लखनऊ. कोयले की कमी के कारण उत्तर प्रदेश की 8 यूनिट बंद हो गई है. स्थिति यह है कि तमाम कोशिश के बाद भी अगले एक सप्ताह तक इससे राहत मिलता नजर नहीं आ रहा है. खुद पावर कॉरपोरेशन के अधिकारी मान रहे हैं कि 15 अगस्त तक परेशानी रहेगी. अब यूनिट बंद होने से बिजली कटौती भी बढ़ गई है. इसमें सबसे ज्यादा परेशानी ग्रामीण सेक्टर में है. बिजली के जानकारों का आरोप है कि ग्रामीण सेक्टर में 7 से 8 घंटे का पावर कट लग रहा है.

कोयले की कमी से उत्तर प्रदेश में चल रहा बिजली संकट आने वाले दिनों में और भीषण हो सकता है. पावर कॉरपोरेशन के अधिकारियों के मुताबिक 15 अक्टूबर से पहले कोयले की सप्लाई में किसी भी तरह का सुधार होता नहीं दिख रहा है. उमस और बिजली की मांग बढ़ने की वजह से प्रदेश के ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी इलाकों में भयंकर रूप से बिजली की कटौती हो रही है. ग्रामीण इलाकों में घोषित रूप से 4 से 5 घंटे की कटौती हो रही है, तो शहरी उपभोक्ताओं को भी अघोषित रूप से घंटों तक बिजली संकट का सामना करना पड़ रहा है.

हालात इसी तरह रहे तो शहरों में भी घोषित कटौती करनी पड़ सकती है. प्रदेश में मौजूदा समय में बिजली की मांग 20,000 से 21,000 मेगावॉट के बीच है. वहीं सप्लाई सिर्फ 17,000 मेगावॉट तक हो पा रही है. सबसे अधिक बिजली कटौती पूर्वांचल और मध्यांचल के ग्रामीण इलाकों में हो रही है.