रविंद्र कुमार भारद्वाज, रायबरेली। उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के लालगंज कस्बे में एक ऐसी प्रेम कहानी ने जन्म लिया है, जो न केवल स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी है, बल्कि सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही है। यह कहानी है दो अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखने वाले प्रेमी जोड़े की, जिन्होंने सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं को पार करते हुए अपने प्यार को अंजाम तक पहुंचाया।

मुस्लिम युवती ने अपनाया सनातन धर्म

जिल के लालगंज के घोसियाना मोहल्ले की रहने वाली मुस्लिम युवती फलकनाज ने सनातन धर्म अपनाकर अपना नाम पलक बाजपेयी रख लिया और साकेत नगर निवासी हिंदू युवक कुशाग्र बाजपेयी के साथ हनुमान मंदिर में पूरे हिंदू रीति-रिवाजों के साथ सात फेरे लिए। इस शादी ने न केवल प्रेम की जीत को दर्शाया, बल्कि यह भी दिखाया कि सच्चा प्यार किसी भी रुकावट को पार कर सकता है।

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तीन साल से चल रहा था प्रेम प्रसंग

फलकनाज और कुशाग्र की प्रेम कहानी पिछले तीन साल से चल रही थी। दोनों की मुलाकात लालगंज में ही हुई थी, और धीरे-धीरे यह मुलाकात गहरे प्यार में बदल गई। लेकिन, जैसा कि अक्सर होता है, अलग-अलग धर्मों के बीच प्यार की राह आसान नहीं थी। दोनों के परिवारों और समाज की ओर से कई तरह की बाधाएं आईं। फलकनाज के परिवार को उनकी पसंद स्वीकार नहीं थी, और सामाजिक दबाव भी इस रिश्ते के आड़े आ रहा था। फिर भी, दोनों ने हार नहीं मानी और अपने प्यार को एक नया मुकाम देने का फैसला किया।

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पिता की शिकायत और पुलिस की भूमिका

शादी से दो दिन पहले, फलकनाज के पिता मोहम्मद मजीद ने लालगंज थाने में एक प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की थी कि उनकी बेटी गायब है। इस शिकायत के बाद पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की और फलकनाज को खोज निकाला। जब फलकनाज को लालगंज कोतवाली लाया गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से पुलिस को बताया कि वह बालिग हैं और अपनी मर्जी से कुशाग्र के साथ रहना चाहती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि वह कुशाग्र से शादी करना चाहती हैं और इसके लिए उन्होंने सनातन धर्म अपनाने का फैसला किया है।

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लालगंज पुलिस ने इस मामले में संवेदनशील और निष्पक्ष रवैया अपनाया। दोनों पक्षों के बयान दर्ज करने के बाद, पुलिस ने पाया कि फलकनाज और कुशाग्र दोनों बालिग हैं और अपनी मर्जी से एक-दूसरे के साथ जीवन बिताना चाहते हैं। इसलिए, पुलिस ने कोई कानूनी कार्रवाई करने से इनकार कर दिया और दोनों को सम्मान के साथ थाने से विदा कर दिया। पुलिस की इस भूमिका की स्थानीय लोगों ने भी सराहना कीl

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मंदिर में हिंदू रीति-रिवाज से शादी

फलकनाज और कुशाग्र ने लालगंज के प्रसिद्ध हनुमान मंदिर में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ शादी रचाई। शादी का आयोजन पूरी तरह से वैदिक विधि-विधान के अनुसार हुआ। मंदिर में पंडित दुर्गा शंकर त्रिपाठी ने मंत्रोच्चार के साथ सात फेरों की रस्म पूरी कराई। फलकनाज ने लाल जोड़े में दुल्हन के रूप में मंगलसूत्र और सिंदूर ग्रहण किया, जबकि कुशाग्र ने वरमाला डालकर जीवनभर साथ निभाने का वचन दिया। शादी में हिंदू पक्ष की ओर से कुशाग्र के परिवार और दोस्तों ने उत्साह के साथ हिस्सा लिया, जबकि मुस्लिम पक्ष से केवल फलकनाज ही मौजूद थीं।

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विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय पदाधिकारियों ने भी इस शादी को सामाजिक स्वीकृति दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विहिप के एक कार्यकर्ता ने बताया कि फलकनाज ने पूर्ण विधि-विधान के साथ सनातन धर्म अपनाया और स्वेच्छा से यह शादी की। शादी के बाद मंदिर परिसर में मौजूद लोगों ने दंपति को आशीर्वाद दिया और उनके सुखमय दांपत्य जीवन की कामना की।

सामाजिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया

शादी के बाद यह जोड़ा स्थानीय लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बन गया। कई लोगों ने इसे सच्चे प्रेम की मिसाल बताया, जो धर्म और समाज की दीवारों को तोड़कर एक नई शुरुआत की। सोशल मीडिया पर भी इस शादी की खूब चर्चा हो रही है। फलकनाज ने शादी के बाद कहा, “हमारा प्यार ही हमारा धर्म है। हमने एक-दूसरे को चुना और अब जीवनभर साथ रहेंगे।” कुशाग्र ने भी अपनी पत्नी के इस साहसिक फैसले की तारीफ की और कहा कि वह हमेशा उनके साथ खड़े रहेंगे। रायबरेली पुलिस ने बताया कि यह मामला पूरी तरह से शांतिपूर्ण ढंग से निपटाया गया। जिला प्रशासन ने दंपति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया है, ताकि उन्हें किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।