उमंग अग्रवाल, कानपुर देहात. सारा देश जहां रावण का पुतला दहन कर जश्न मना रहा था, वहीं कानपुर देहात में महामानव रावण की पूजा अर्चना कर शोभा यात्रा निकाली गई. हजारों की संख्या में लोग ‘जय लंकेश कटे कलेश’ के नारे लगाते रहे. हजारों की संख्या में लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली. वहीं मेले के आयोजक ने दावा किया कि लगभग पांच हजार लोगों ने सर मुंडवा कर धर्म परिवर्तन कर बौद्ध धर्म की दीक्षा ली.

सारे देश मे रावण का पुतला दहन कर विजय दशमी का पर्व हर्षोउल्लास से मनाया गया. वहीं कानपुर देहात के पुखरायां इलाके में रावण का पुतला नहीं जलाया गया, बल्कि रावण की पूजा-अर्चना की गई. महामानव रावण की शोभा यात्रा निकाली गई. पूरे इलाके में रावण को घुमाया गया. हजारों की तादाद में लोगों ने जय लंकेश कटे क्लेश के नारे लगाए. ये सिलसिला लगभग 27 सालों से चला आ रहा है. कार्यक्रम आयोजक का कहना था कि महामानव रावण को नहीं जलाना चाहिए. महामानव रावण ज्ञानी और सर्वशक्तिमान थे. वहीं उनका कहना था कि 14 अक्टूबर सन 1956 को बाबा साहब ने नागपुर में दीक्षा लेकर बौद्ध धर्म अपनाया था. इसी कड़ी को हम आगे बढ़ा रहे है और आज लगभग पांच हजार लोगों ने धर्म परिवर्तन करते हुए बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है.

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पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने भाजपा सरकार पर जमकर बोला हमला

वहीं पूर्व सांसद सावित्री बाई फुले ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि बीजेपी देश के संविधान को नष्ट करना चाहती है. साथ ही कुछ पूंजीपतियों को भी सरकार लाभ देना चाहती है. वहीं किसानों और गरीबों की सरकार को कोई परवाह नहीं है. बस तानाशाह होकर राज करना चाहती है, जो अंग्रेजों के समय की याद दिलाता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार धीरे-धीरे बारीकी से संविधान और कानून को खत्म कर रही है. आरएसएस की विचारधारा से लबरेज बीजेपी बहुजन समाज के लोगों पर अत्याचार कर रही है. इसलिए 2022 में बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का काम हम सभी लोगों द्वारा किया जाएगा और संविधान को बचाने के लिए हर संभव कुर्बानी दी जाएगी.