आगरा. यूं तो सीएम योगी स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करने से थकते नहीं हैं. लेकिन अब उनके दावों की पोल खुलती नजर आ रही है. स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटीलेटर पर नजर आ रहा है. आलम ये है कि जिला अस्पताल में मरीजों के लिए व्हीलचेयर का इंतजाम नहीं है. अस्पताल से आई तस्वीर ने न सिर्फ योगी सरकार के विकास के दावों की पोल खोली है, बल्कि कई सवाल भी खड़े किए हैं. सवाल ये कि आखिर किस विकास की बात करती है? सवाल ये भी है कि बीमार सिस्टम का इलाज कब होगा?
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बता दें कि पूरा मामला आगरा जिला अस्पताल का है. जहां मरीजों को इलाज के नाम पर मुसीबत बांटी जा रही है. बसई के विपिन पैर फ्रैक्चर होने के बाद प्लास्टर कराने पहुंचे थे. जिनका प्लास्टर तो किया गया, लेकिन प्लास्टर के बाद उन्हें व्हीलचेयर नहीं मिल पाई. जिसके बाद विपिन का भाई कंधे में उठाकर ले जाते नजर आया. जो अव्यवस्थाओं की पोल खोल रही है. वहीं जब जिला अस्पताल के प्रवेश द्वार का जायजा लिया गया तो वहां कोई व्हीलचेयर मौजूद नहीं थी. हालांकि, सीएमएस जिला अस्पताल ने व्हीलचेयर उपलब्ध होने की बात कही है.
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वहीं अब सीएमएस के दावे पर सवाल खड़े हो रहे हैं कि क्या मरीज को तकलीफ झेलने का शौक है. सवाल ये भी है कि जब व्हीलचेयर उपलब्ध है तो आखिर उस वक्त मरीज को क्यों नहीं मिली? क्या व्हीलचेयर को जमीन खा गई थी या आसमान निगल गया था? विपिन के साथ जो हुआ उसकी तस्वीर आने के बाद सरकार के सिस्टम की नाकामी सामने आई है. इससे साफ है कि न जाने कितने लोगों को इस समस्या से जूझना पड़ा होगा, लेकिन सिस्टम के नुमाइंदे तो अपनी ही धुन में हैं. वहीं सरकार भी विकास का राग अलापने में मस्त है!
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