लखनऊ। अजीत सिंह हत्याकांड मामला को लेकर धनंजय सिंह की मुसीबत बढ़ गई है. हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सोमवार को धनंजय सिंह की अग्रिम जमानत और एफआईआर रद्द करने की दायर याचिका को खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट ने धनंजय सिंह को कहा है कि दो हफ्ते में सरेंडर करें. समर्पण के बाद जमानत याचिका दाखिल करें.

धनंजय सिंह को आजमगढ़ में पूर्व ब्लाक प्रमुख अजीत सिंह की हत्या के साजिशकर्ता के रूप में लखनऊ के विभूति खंड थाना में नामजद किया गया है. धनंजय सिंह को गिरफ्तार करने के प्रयास में पुलिस लगातार दबिश दे रही है, लेकिन एक पुराने मामले में वह जेल जाने के बाद जमानत पर बाहर है. अजीत सिंह हत्याकांड में इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने धनंजय सिंह की अग्रिम जमानत के साथ ही एफआइआर रद्द कराने की याचिका खारिज करने के साथ ही दो हफ्ते में बहुजन समाज पार्टी से जौनपुर से सांसद रहे धनंजय सिंह को सरेंडर करने का निर्देश दिया है.

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कोर्ट ने कहा कि सरेंडर करने के बाद धनंजय सिंह जमानत के लिए याचिका दाखिल करें. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद अब लखनऊ के विभूति खंड थाने से धनंजय सिंह के साथ पांच अन्य लोगों के खिलाफ भगोड़ा घोषित करने की कार्रवाई की जाएगी. आजमगढ़ में 2013 में हुई पूर्व बसपा विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या का मुख्य गवाह अजीत सिंह था.

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