संभल । उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने बड़ा बयान दिया हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि संभल की घटना दुखद है, घटना के दौरान हमारे सांसद जियाउर्रहमान बर्क जब संभल में ही नहीं थे, इसके बावजूद उनके खिलाफ FIR दर्ज करवाया, ऐसा उदाहरण कभी किसी ने देखा है। एक पुलिस अधिकारी कह रहा है कि नेता बनना छोड़ दो, नेताओं का सहारा लेना छोड़ दो, यह भाषा किसके लिए थी ?
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जानबूझकर संभल में ऐसी घटना करवाई
अखिलेश ने आगे कहा कि मुझे याद है जब मैं लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा था, उस समय जो जानकारी थी और जो जानकारी छिपाई जा रही थी। जब वहां से लोकल स्तर पर जानकारी सामने आई। तब मैने कहा कि नईम की जान गई है और पुलिस की गोली से गई है। आप लोगों के पास सब जगह का वीडियो है, पूरा का पूरा कराया गया यह दंगा है और किसने कराया सरकार ने कराया क्योंकि सरकार जो बेईमानी कर रही थी, सरकार जिसने वोट लूटा, सरकार ने पुलिस ने ईवीएम की बटन बार बार दबवाई, प्राइवेट ड्रेस में पुलिस लगवाई। उस चुनाव में उनकी धांधली और चोरी ना पकड़ी जाए इसलिए जानबूझकर संभल में ऐसी घटना करवाई है।
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पांच निर्दोष लोगों की जान गई
सपा प्रमुख ने कहा कि कोर्ट के आदेश पारित किए जाने के तुरंत बाद ही पुलिस और प्रशासन सर्वे के लिए जामा मस्जिद पहुंच गया। 23 नवंबर को पुलिस प्रशासन ने कहा कि अगले दिन 24 तारीख को दोबारा सर्वे किया जाएगा। पुलिस प्रशासन को यह आदेश किसने दिया? जब लोगों ने सर्वे का कारण जानना चाहा तो सर्किल ऑफिसर ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। इसका विरोध करते हुए लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। बदले में पुलिस कांस्टेबल से लेकर अधिकारी तक सभी ने अपने सरकारी और निजी हथियारों से गोलियां चलाईं, जिसकी वीडियो रिकॉर्डिंग है, इससे कई लोग घायल हो गए और 5 निर्दोष लोगों की मौत हो गई।
अखिलेश भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं
वहीं डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के बयान का पलटवार करते हुए कहा कि अखिलेश यादव उपचुनाव में पराजय के दर्द से आहत है। अखिलेश संभल मामले में धैर्य और शांति की अपील करने के बजाय भड़काऊ बयानबाजी कर रहे हैं। ऐसे बयान न केवल अनावश्यक हैं, बल्कि समाज में तनाव को बढ़ाने का काम करते हैं। जिम्मेदार राजनीति का तकाजा है कि संयम बरता जाए ना कि ऐसी बयानबाजी की जाए।
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