लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बुलडोजर की कार्रवाई (Bulldozer Action) को लेकर केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई है. उच्चतम न्यायालय ने कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी साबित हो, तब भी उसकी इमारत को ढहाया नहीं जा सकता है. इसे लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने X पर लिखा कि ‘अन्याय के बुलडोजर’ से बड़ा होता है, ‘न्याय का तराजू’.
इस पर भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी का भी बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि ‘किसी अपराध में वांछित होने पर अपराधी के घर बुलडोजर नहीं चलता. अवैध निर्माण अतिक्रमण पर बुलडोजर विधि की परिधि के दायरे में ही चलता है.’
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दरअसल, बुलडोजर एक्शन के खिलाफ SC में याचिका दाखिल की गई थी. जिसमें कहा गया था कि बदले की कार्रवाई के तहत बिना नोटिस के मकान गिराए जा रहे हैं. इस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने अपना फैसला सुनाया. अदालत ने इस बात पर जोर दिया है कि वे सड़कों या अन्य सार्वजनिक जगहों पर अवैध निर्माणों का समर्थन नहीं करते हैं. लेकिन संपत्ति को गिराए जाने की प्रक्रिया कानून के हिसाब से होनी चाहिए. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि किसी भी संपत्ति को सिर्फ इसलिए नहीं ढहाया जाता, क्योंकि वह किसी आपराधिक केस में शामिल या दोषी से जुड़ी है. उन्होंने कहा कि ऐसा तब ही होता है, जब ढांचा गैर कानूनी हो. इसपर जस्टिस गवई ने कहा कि ‘तो आप इसे स्वीकार कर रहे हैं. फिर हम इसके आधार पर दिशानिर्देश जारी करेंगे. किसी के आरोपी होने पर ही उसकी संपत्ति कैसे ढहाई जा सकती है.
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