लखनऊ. फतेहपुर जिले के नबाव अब्दुल समद के मकबरे को लेकर बवाल काफी बढ़ गया है. हिंदू संगठन का दावा है कि इस जगह पर हजारों साल पहले भगवान शिव और श्रीकृष्ण का मंदिर था, मकबरे में शिवलिंग, नंदी, और त्रिशूल-फूल की कलाकृतियां हैं. तनाव के चलते जिला प्रशासन ने मकबरे को सील कर बैरिकेडिंग की. जिसे लेकर दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया है. घटना को लेकर अखिलेश यादव ने सरकार पर करारा हमला बोला है. वहीं बसपा प्रमुख मायावती का भी बयान सामने आया है.

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अखिलेश यादव ने कहा, फतेहपुर में घटी घटना, तेज़ी से ख़त्म होती भाजपा की निशानी है. जब-जब भाजपा और उनके संगी साथियों की पोल खुलने लगती है, तब-तब सौहार्द बिगाड़ने की साज़िश की जाती है. जनता अब इस भाजपाई चाल को समझ गई है. अब ऐसी करतूतों में जनता न तो अटकेगी और न ही इन घटनाओं से भटकेगी. देखना ये है कि इस घटना के दोषियों की शिनाख़्त लखनऊ के ड्रोन करेंगे या दिल्लीवालों के ड्रोन. सामाजिक एकता ज़िंदाबाद!

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वहीं मायावती ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, यूपी के ज़िला फतेहपुर में मक़बरा व मन्दिर होने को लेकर चल रहे विवाद-बवाल पर सरकार को किसी भी समुदाय को ऐसा कोई भी क़दम नहीं उठाने देना चाहिए, जिससे वहां साम्प्रदायिक तनाव पैदा हो जाए और आपसी भाईचारा व सद्भाव भी बिगड़े. सरकार इस मामले को ज़रूर गम्भीरता से ले. ज़रूरत पड़ने पर सख़्त कदम भी उठाए.