अलीगढ़. डॉक्टर और मेडिकल सर्विस से जुड़े लोगों को धरती का भगवान कहा जाता है. जब वही भगवान शैतान का रूप ले ले तो जिंदगी खतरे में पड़ जाती है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां HIV पॉजिटिव घायल पुलिसकर्मी को गंभीर हालत में परिजन जीवन ज्योति अस्पताल लेकर पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज करने से इंकार कर दिया. हद तो तब पार कर दी जब घायल को स्ट्रेचर समेत अस्पताल से बाहर निकाल दिया. इस घटना ने न सिर्फ इंसानियत को शर्मसार किया है, बल्कि सिस्टम पर भी सवाल खड़ा किया है. सवाल ये कि आखिर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी पर लगाम कब लगेगी? लोगों की जिंदगी से खेलने वालों पर योगी सरकार का हंटर कब चलेगा?

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बता दें कि यूपी पुलिस एक गैंगस्टर को फिरोजाबाद से मुजफ्फरनगर पेशी के लिए लेकर जा रही थी. इसी दौरान पुलिस की गाड़ी हादसे का शिकार हो गई. हादस में 4 पुलिसकर्मियों की मौत हो गई. वहीं एक पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गया. जिसके बाद जवान को जीवन ज्योति अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां जवान की जांच की गई तो उसकी HIV रिपोर्ट पॉजिटिव आई तो अस्पताल ने इलाज करने से इंकार कर दिया और मरीज को स्ट्रेचर के साथ बाहर निकाल दिया. जिसके बाद जवान तड़पता रहा, लेकिन उसका इलाज नहीं किया गया.

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वहीं जब परिजनों ने मामले को लेकर अस्पताल प्रबंधन से बातचीत करने की कोशिश की तो कोई भी सुनने को तैयार नहीं हुआ. कानून की मानें तो HIV और AIDS (रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम 2017 के तहत किसी भी मरीज को सिर्फ उसकी बीमारी के आधार पर चिकित्सा सुविधा से वंचित करना कानूनन अपराध है. उसके बाद भी अस्पताल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है. घायल जवानों के परिजनों ने योगी सरकार से कार्रवाई करने की मांग की है.