प्रयागराज. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पारिवारिक विवाद के मामले में एक बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट का कहना है कि अगर पत्नी अपने पति के साथ रहने से इंकार कर दे और उसे अलग कमरे में रहने के लिए मजबूर करती है तो वह उसे उसके वैवाहिक अधिकारों से वंचित करती है और यह क्रूरता के समान है.
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बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने पारिवारिक विवाद मामले की सुनवाई की. इस मामले को लेकर पति-पत्नी ने तलाक की अर्जी अपील की थी. इस दौरान पति ने कहा अपील के जरिए कहा था कि पत्नी ने उसे अलग कमरे में रहने के लिए मजबूर किया था और धमकी दी थी कि अगर वह उसके कमरे में प्रवेश करेगा तो वह आत्महत्या कर लेगी और उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराएगी.
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वहीं इस मामले की सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति राजन रॉय और न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की खंडपीठ ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा, जब पत्नी अपने पति के साथ रहने से इनकार कर दे और उसे अलग कमरे में रहने के लिए मजबूर करती है, तो वह उसे उसके वैवाहिक अधिकारों से वंचित करती है और यह क्रूरता के समान है.
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