सुधीर सिंह राजपूत, मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर शिक्षा विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है जिसे देख सरकार की शिक्षा पद्धति पर प्रश्न चिन्ह लग रहे हैं कि आखिरकार जिम्मेदार कर क्या रहे हैं?, क्या यह स्वयं सरकार की लुटिया डुबोने में लगें हुए हैं? दरअसल, यहां छात्रों को स्कूल में एनसीईआरटी बुक्स नहीं पढ़ाया जा रहा है। 44 विद्यालयों की जांच में महज़ तीन स्कूलों में ही एनसीईआरटी बुक्स मिले हैं।
खंड शिक्षा अधिकारी की जांच ने खोली पोल
मिर्जापुर जिले के स्कूल में बच्चों को एनसीईआरटी बुक्स से नहीं पढ़ा रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयकों कि संयुक्त टीम के जांच में यह मामला सामने आया है। खंड शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयकों कि संयुक्त टीम ने जिले के 44 मान्यता प्राप्त विद्यालयों का जब किया जांच तो मामला सामने आया है टीम को केवल तीन स्कूलों में एनसीआरटी की किताबें मिले। यही नहीं केवल एक विद्यालय में शासनादेश के अनुसार शिक्षक मिले, बाकी के विद्यालयों में अप्रशिक्षित अध्यापकों से कराया जा रहा शिक्षण कार्य। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने कहा है कि संबंधित विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है।
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निजी स्कूलों संचालकों की मनमानी
दरअसल, मिर्जापुर जिले भर के निजी स्कूलों संचालकों की मनमानी के साथ अधिकतर विद्यालयों में एनसीईआरटी की पुस्तकों से न पढ़ाने को लेकर शिक्षा विभाग की ओर से खंड शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयकों कि संयुक्त टीम ने तीन दिन में 44 विद्यालयों का जांच किया है। जांच टीम को चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है जिसमें 44 विद्यालयों में से केवल तीन विद्यालय में एनसीईआरटी की पुस्तकों से पढ़ते पाए गए हैं, साथ ही तीन विद्यालयों में आंशिक रूप से एनसीईआरटी की पुस्तक के पठन पाठन कराया जा रहा था ,यही नहीं 44 विद्यालयों में से केवल एक विद्यालय में शासनादेश के अनुसार शिक्षक मिले बाकी की विद्यालयों में अप्रशिक्षित शिक्षकों से पढ़ने का मामला सामने आया है.
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सभी विद्यालयों को नोटिस
जिसको लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा ने सभी विद्यालयों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मिर्जापुर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार वर्मा के अनुसार जिले के 44 विद्यालयों में खंड शिक्षा अधिकारी और जिला समन्वयकों कि संयुक्त टीम ने तीनदिन में 11 बिंदुओं का निरीक्षण कर जांच किया है। जांच में शासनादेश के अनुसार शिक्षकों की अहर्यता और विद्यालय के संचालन के संबंध में प्रयोग किया जा रहे पाठ पुस्तकों को देखा गया है।
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44 विद्यालयों में केवल तीन विद्यालय में एनसीईआरटी की पुस्तक के पाई गई है तीन में आंशिक रूप से पढ़ाते हुए पाया गया है बाकी के विद्यालयों में एनसीईआरटी की बुक से पढ़ाई न होने पर उन्हें कड़ी फटकार लगाते हुए नोटिस जारी की गई है, यही नहीं केवल एक विद्यालय में शासनादेश के अनुसार प्रशिक्षित शिक्षक कार्य करते पाया गया है, बाकी के विद्यालय में अप्रशिक्षित अध्यापकों से कार्य कराया जा रहा है जिसको लेकर संबंधित विद्यालयों को नोटिस जारी किया जा रहा है, सुधार नहीं लाने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
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