विक्रम मिश्र, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के जिला पंचायतों में नक्शा पास कराने में होने वाले खेल पर अब लगाम लगेगी। विकास प्राधिकरणों की तर्ज पर जिला पंचायतों में भी तकनीकी परीक्षण और तय मानकों के आधार पर नक्शा पास होगा। इसके लिए जिला पंचायतों में तकनीकी तौर पर दक्ष मानव संसाधन की व्यवस्था होगी। गुणवत्ता और तकनीक पर नजर रखने के लिए सिविल इंजीनियर और मानचित्रकार (आर्किटेक्ट) तैनात किए जाएंगे। पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में निर्देश दिए।
जनसुविधा संचालन का प्रशिक्षण दिया जाए
सीएम ने ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने के लिए नवाचारों को प्रोत्साहित करने पर बल दिया। ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाने के लिए ग्राम सचिवालयों में आधार केंद्र खोलने के निर्देश दिए। कहा, इससे नागरिकों को सुविधा मिलेगी और मिलने वाले शुल्क से ग्राम पंचायतों की आय भी बढ़ेगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि पंचायत प्रतिनिधियों को वित्तीय प्रबंधन, डिजिटल सेवा वितरण और जनसुविधा संचालन का प्रशिक्षण दिया जाए।
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आवास विभाग ने बैठक में सीएम योगी के सामने शहरों में नक्शा पास करने पर लगने वाले वाह्य विकास शुल्क नीति और शहरी पुनर्विकास नीति का ड्राफ्ट पेश किया। जिसके बाद सीएम योगी ने वाह्य विकास शुल्क नीति को व्यावहारिक और जनहित के अनुरूप बनाने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने कहा कि कृषि एवं औद्योगिक उपयोग की भूमि पर वाह्य विकास शुल्क आवासीय और व्यावसायिक उपयोग की तुलना में कम होना चाहिए।
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