लखनऊ. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, वैसे-वैसे सरकार वोटरों को साधने में लगी हुई है. पेट्रोल और डीजल के रेट कम करने को लेकर बैठक होने के बाद अब किसानों से संवाद भी शुरू हो गया है. शनिवार को लखनऊ में किसानों की समस्याओं को लेकर भारतीय किसान यूनियन और यूपी सरकार की बैठक हुई.
भाकियू और सरकारी अधिकारियों के बीच हुई बैठक में धान खरीद ,गन्ना भुगतान, आवारा पशुओं के नियंत्रण, खाद की उपलब्धता, बिजली के दाम कम करने को लेकर चर्चा की गई. इसके साथ ही किसानों के निजी नलकूप का सामान सामान्य योजना के अंतर्गत निर्गत किए जाने और कृषि ऋण में किसानों की जमीन नीलाम न किए जाने पर विस्तृत चर्चा की गई. लखनऊ में हुई इस बैठक में धान खरीद में 2 नवंबर तक तेजी लाने और खरीद में भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई का आश्वासन दिया गया. पूरे प्रदेश में 3 नवंबर तक सभी क्रय केंद्र चालू कराने के निर्देश दिए जाने पर सहमति बनाई गई. धान खरीद में सत्यापन का अधिकार लेखपाल को दिए जाने और ऑफलाइन सत्यापन का आश्वासन दिया गया. बिजली दरें कम करने का भी भरोसा दिया गया. बैठक में 3 दिसंबर तक शुगर मिलों का इंडेन्ट जारी करने और दीपावली से पहले बकाया देने का वायदा भी यूपी सरकार ने किया. प्रदेश में मांग के अनुसार क्षेत्रवार 10 नवंबर तक बिजली सप्लाई करने की भी बात कही गई. दीवाली बाद 8 नवंबर को फिर से ये बैठक होगी जिसमें सरकार की तरफ़ से किए गए वादों पर कितना काम हुआ, इसकी समीक्षा होगी.
बैठक में गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, कृषि उत्पादन आयुक्त, प्रमुख सचिव कृषि, खाद्य आयुक्त ,सचिव गन्ना, सचिव बिजली सहित कई अधिकारी मौजूद रहे. वहीं भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष राजवीर जादौन, धर्मेन्द्र मलिक, मीडिया प्रभारी, दिगंबर सिंह, हरिनाम सिंह वर्मा, हसीब सिंह, दिलबाग सिंह, बलजिंदर सिंह मान, अनुपम चौधरी, गुरमीत सिंह सहित 21 लोग बैठक में शामिल हुए.