लखनऊ. उत्तर प्रदेश के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) ने आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है. एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान लुकमान, शहजाद, कारी मुख्तार, मुदस्सिर, कामिल, एलिन नूर, नवाजिश अंसारी और अलीम के रूप में हुई है.

एटीएस अधिकारियों ने बताया कि मुदस्सिर को हरिद्वार और अन्य को सहारनपुर से गिरफ्तार किया गया है. उन सभी पर गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और युद्ध छेड़ने के इरादे से छिपाने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया गया है. एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर), प्रशांत कुमार ने कहा कि एटीएस को खुफिया एजेंसियों से सूचना मिल रही थी कि भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा (एक्यूआईएस) और उसकी सहयोगी एजेंसी जेएमबी उत्तर प्रदेश में अपना नेटवर्क फैला रही है और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने की योजना बना रही है.

अधिकारी ने बताया कि गिरफ्तार बांग्लादेशी रूढ़िवादी लोगों को जिहाद के नाम पर आमंत्रित करते हुए अपने समूह में शामिल करते थे जबकि वे अपनी पहचान गुप्त रखते थे. एटीएस ने कहा कि लुकमान ने आतंकी अब्दुल तलहा को 11 महीने तक पनाह दी थी और आतंकी गतिविधियों को भी फंडिंग की थी. पुलिस ने एक देश विरोधी साहित्य, एक पेन ड्राइव और एक मोबाइल फोन भी जब्त कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है. अब्दुल तलहा एनआईए और एसटीएफ, पश्चिम बंगाल द्वारा कई आतंकी कृत्यों में वांछित है.

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अधिकारी ने कहा कि शहजाद बम बनाने में माहिर था और उसने अपने संगठन का नेटवर्क मध्य प्रदेश में भी फैलाया था. एटीएस के सूत्रों ने कहा, “मुदस्सिर को तल्हा ने एक आतंकी कृत्य के लिए 80,000 रुपए दिए थे. एक अन्य आरोपी कामिल ने अपने बैंक खाते का इस्तेमाल किया था जिसमें तल्हा द्वारा 2 लाख रुपए भेजे गए थे.” इसके अलावा अलीनूर युवाओं को ट्यूशन पढ़ाकर कट्टरपंथी बनाने में भी शामिल था और उसने अपनी असली पहचान छिपाई थी. अन्य आरोपी नवाजिश और अलीम ने भी आतंकवादी तल्हा को रसद सहायता प्रदान की.