Ram Janmabhoomi Temple : शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने राम मंदिर में दोहरी प्राण प्रतिष्ठा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एक मंदिर में दो बार प्राण प्रतिष्ठा संभव नहीं है। या तो पहली प्राण प्रतिष्ठा में कोई गलती थी, या फिर यह आयोजन शास्त्र सम्मत नहीं है। उनके इस बयान पर बहस छिड़ गई है। क्योंकि शास्त्रों में एक मंदिर में दोहराई गई प्राण प्रतिष्ठा असामान्य मानी जाती है।

तीन जून से चल रही प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर(Ram Janmabhoomi Temple) में 3 जून से राम दरबार और अन्य मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह चल रहा है। राम मंदिर के प्रथम तल पर राम दरबार, परकोटे में सूर्य, भगवती, अन्नपूर्णा और गणपति, हनुमान के साथ-साथ शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा की जा रही है। यह समारोह 5 जून यानि गंगा दशहरा के मौके पर समाप्त होगा। जिसमें प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होंगे।

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संत समाज का एक वर्ग नाराज

वहीं अयोध्या में चल रहे इस तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा समारोह से संत समाज का एक वर्ग नाराज है। जिसको लेकर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि एक मंदिर में दो बार प्राण प्रतिष्ठा संभव नहीं है। या तो पहली प्राण प्रतिष्ठा में कोई गलती हुई थी। इसे स्वीकार करना होगा कि कहीं न कहीं गलती हुई है। उन्होंने आगे बताया कि पहली प्राण प्रतिष्ठा के समय मंदिर (Ram Janmabhoomi Temple) का निर्माण पूरा नहीं हुआ था। शास्त्रों के अनुसार अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा नहीं की जा सकती लेकिन फिर भी प्राण प्रतिष्ठा की गई थी।