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विक्रम मिश्र, लखनऊ. उत्तर प्रदेश में सत्ता सम्भाल रही भाजपा में गोलबन्दी शुरू हो गई है. हर मोर्चे समाज जाति का एक नेता पार्टी के भीतर ही अपना गुट चला रहा है. इसकी जानकारी लगी तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल डैमेज कंट्रोल किया.

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बता दें कि पार्टी के पिछड़ा विधायकों में अपनी ही सरकार और संगठन के खिलाफ ग़ुस्सा दिख रहा है. यूपी में विधानसभा उपचुनाव मुहाने पर है, जबकि लखीमपुर थप्पड़कांड से कुर्मी नेता और कुर्मी वोटर के छिटकने का भय बना हुआ है. बीजेपी विधायक योगेश वर्मा की पिटाई को उनकी बिरादरी के पार्टी नेताओं ने भी अपनी अस्मिता का सवाल बना लिया था. हालात ये थे कि लखीमपुर के विधायक की पुलिस के सामने पिटे फिर भी पीटने वालों के खिलाफ मुक़दमा तक दर्ज नहीं हुआ था.

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मुख्यमंत्री से मिले विधायक
लखीमपुर सदर विधायक योगेश वर्मा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिले. उन्होंने घटना की पूरी जानकारी मुख्यमंत्री को दिया. साथ ही पुलिस द्वारा रिपोर्ट नहीं दर्ज करने का मामला भी बताया. बीजेपी के कुछ पिछड़े नेताओं को लग रहा था कि सरकार आरोपी को बचा रही है, इस बात से भी मुख्यमंत्री को अवगत कराया है.

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दरअसल, पार्टी के 37 विधायकों ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र चौधरी से इसकी शिकायत की. जिसके बाद थप्पड़कांड के मुख्य आरोपी अवधेश सिंह और संघ चुनाव में प्रत्याशी रही पुष्पा सिंह को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया.

विधायक ने वापस किए थे सुरक्षाकर्मी

पीड़ित विधायक योगेश वर्मा ने थप्पड़कांड के बाद अपना सुरक्षाकर्मी तक वापस कर दिया था. हालांकि, मामला तब और खराब हुआ जब नवरात्रि में क्षत्रिय सभा की एक बैठक में अवधेश सिंह का सम्मान किया गया.