आजमगढ़. यूपी में बयानों से तो विकास की गंगा खूब बहाई गई, लेकिन असल में विकास कहीं खो गया है. अब विकास की तलाश में है. बदहाल सिस्टम की नाकामियों का खामियाजा आम जनता भुगत रही है. ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जब एक दिव्यांग पति-पत्नी अपनी समस्या को लेकर घुटने के बल कलेक्टर ऑफिस पहुंचे. जहां उन्होंने आवेदन के जरिए सिस्टम के सुस्ती की पोल खोलकर रख दी. अब सवाल ये उठ रहा है कि क्या यही सुशासन सरकार का विकास है?
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बता दें कि पूरा मामला जहानागज क्षेत्र के कुजी गांव का है. जहां रहने वाले अशोक कुमार और उसकी पत्नी पैर से दिव्यांग हैं. दोनों चल फिर नहीं सकते. अशोक ने गांव में चल रही चकबंदी को लेकर तहसील औऱ चकबंदी कार्यालय में कई बार आवेदन दिया और घर तक रास्ता की मांग की, लेकिन किसी जिम्मेदार के कान में जूं नहीं डोली. जिसके बाद मजबूरी मे पति-पत्नी ट्राईसाइकिल पर सवार होकर कलक्ट्रेट पहुंचे.
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कलक्ट्रेट पहुंचने के बाद दिव्यांग पति-पत्नी ने ट्राईसाइकिल से कलक्ट्रेट के रैंप पर चढ़कर डीएम कार्यालय जाने की कोशिश की तो वहां मौजूद गार्ड ने रोक लिया. जिसके बाद दिव्यांग अशोक ने अपनी पत्नी को पीठ पर बिठाया और घुटने के बल चलकर डीएम कार्यालय पहुंचे. इस दौरान डीएम कार्यालय में सभी की नजरें दोनों पर टिकी रही. दोनों को देख लोग भावुक नजर आए. हालांकि, इस दौरान डीएम कार्यालय में नहीं थे. जिसके बाद आरजीआरएस पटल प्रभारी ने दिव्यांग पति-पत्नी का आवेदन लिया और सीआरओ को अवगत कराया. जिस पर उन्होंने आवेदन पर उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया.
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