रायबरेली l जिले में अवैध प्लाटिंग के खिलाफ जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाते हुए व्यापक अभियान शुरू किया है। जिलाधिकारी हर्षिता माथुर के निर्देश पर रायबरेली विकास प्राधिकरण (आरडीए) ने मुंशीगंज क्षेत्र में एम्स के पास बिना ले-आउट पास कराए अवैध रूप से की जा रही प्लाटिंग को ध्वस्त करने की कार्रवाई की। इस अभियान में पिछले तीन दिनों में लगभग 12 हेक्टर जमीन पर अवैध प्लाटिंग को जेसीबी की मदद से खाली कराया गया है। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) अमृता सिंह ने बताया कि बिना स्वीकृति के प्लाटिंग करने वालों के खिलाफ यह कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

जमीन को कराया कब्ज़ा मुक्त

जानकारी के अनुसार, रायबरेली विकास प्राधिकरण की प्रवर्तन टीम ने मुंशीगंज क्षेत्र में अवैध रूप से विकसित की जा रही कॉलोनियों पर बुलडोजर चलाकर अवैध निर्माणों, बाउंड्री वाल्स, मुरम रोड्स और डीपीसी को ध्वस्त कर दिया। यह कार्रवाई उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 की धारा 27 के तहत की गई, जिसके अंतर्गत बिना ले-आउट स्वीकृति के प्लाटिंग करना अवैध माना जाता है। अपर जिलाधिकारी अमृता सिंह ने बताया कि कई कॉलोनाइजर बिना वैध अनुमति के निजी जमीनों को टुकड़ों में बांटकर बेच रहे थे, जिससे न केवल शहरी नियोजन प्रभावित हो रहा था, बल्कि आम लोगों को धोखाधड़ी का शिकार भी होना पड़ रहा था।

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अभियान को तेज करने के निर्देश

जिलाधिकारी हर्षिता माथुर ने इस अभियान को और तेज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अवैध प्लाटिंग न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि यह शहर के नियोजित विकास में भी बाधा उत्पन्न करता है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि वे केवल रायबरेली विकास प्राधिकरण से ले-आउट स्वीकृत प्लॉट ही खरीदें और बिना नक्शा पास कराए गए किसी भी निर्माण से बचें। डीएम ने अधिकारियों को सख्त हिदायत दी है कि अवैध प्लाटिंग के खिलाफ नियमित निगरानी और कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।

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कई कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी

अपर जिलाधिकारी अमृता सिंह ने बताया कि इस अभियान के तहत तीन दिनों में 12 हेक्टर से अधिक जमीन को अवैध प्लाटिंग से मुक्त कराया गया है। इस दौरान कई कॉलोनाइजरों को नोटिस जारी किए गए हैं, और कुछ मामलों में एफआईआर दर्ज करने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अवैध प्लाटिंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, और भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाइयां सख्ती से जारी रहेंगी।

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अवैध निर्माण पर लगेगी रोक

स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई का स्वागत किया है। कई निवासियों ने बताया कि अवैध कॉलोनाइजर अक्सर कम कीमत पर प्लॉट बेचकर लोगों को ठग लेते हैं, और बाद में खरीदारों को कानूनी और बुनियादी सुविधाओं की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इस अभियान से न केवल अवैध निर्माण पर रोक लगेगी, बल्कि लोगों का विश्वास भी प्रशासन पर बढ़ेगा।

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कोई कोताही नहीं बरतें

यह अभियान रायबरेली में शहरी नियोजन को मजबूत करने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई भविष्य में भी नियमित रूप से जारी रहेगी, और अवैध प्लाटिंग के खिलाफ शिकंजा कसने में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों ने इस पहल की सराहना करते हुए प्रशासन से इसे पूरे जिले में प्रभावी ढंग से लागू करने की मांग की है।