बदायूं. यूपी में इन दिनों मंदिर और मस्जिद को लेकर बहस छिड़ी हुई है. शम्सी शाही मस्जिद को नीलकंठ महादेव मंदिर होने का दावा किया जा रहा है. जिसको लेकर एक याचिका भी दाखिल की गई है. मामले को लेकर कोर्ट में बहस हुई, लेकिन सुनवाई जल्द ही खत्म हो गई. कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली डेट 10 दिसंबर मुकर्रर की है.

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बता दें कि मामले को लेकर अधिवक्ता विवेक रेंडर का कहना है कि ये मस्जिद नहीं, वास्तव में नीलकंठ महादेव का मंदिर था. हमारी मुख्य मांग है कि हमें नीलकंठ महादेव मंदिर में वैसे ही पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी जानी चाहिए जैसे पहले होती थी.

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आगे विवेक रेंडर ने कहा, हमारे पास सभी सबूत हैं कि विवादित संपत्ति एक हिंदू मंदिर है. हमारे पास जमीन के कागजात हैं, जो दिखाते हैं कि संपत्ति जामा मस्जिद नहीं है. एएसआई के अधिवक्ता ने पहले ही न्यायालय में अपने विचार रख दिए हैं.

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वहीं मुस्लिम पक्ष के वकील असरार अहमद सिद्दीकी ने कहा, ‘जो मामला दर्ज किया गया है वह फर्जी है. यह शांति भंग करने के लिए किया गया है. हिंदू पक्ष का इस मस्जिद पर कोई अधिकार नहीं है.