अनूप मिश्रा, बहराइच. सरकार एक ओर “पेड़ लगाओ-पर्यावरण बचाओ” जैसे नारे के साथ हरित अभियान चला रही है, वहीं ज़मीनी हकीकत इन प्रयासों से बिल्कुल उलट है. ब्लॉक विशेश्वरगंज के अंतर्गत ग्राम कुरसहा में इन दिनों एक विशाल और पुराने बरगद के पेड़ को बेरहमी से काटा जा रहा है. आश्चर्य की बात यह है कि वन विभाग इस अवैध कटाई पर पूरी तरह से खामोश है. जिसके बाद शासन-प्रशासन के मंसूबों को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि पेड़ लगाओ-पर्यावरण बचाओ केवल दिखावा है क्या? अगर नहीं तो अवैध कटाई पर सरकार रोक क्यों नहीं लगा रही?
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गांव की पहचान और आस्था पर हमला
जिस बरगद को काटा जा रहा है, वह सिर्फ एक वृक्ष नहीं बल्कि गांव की सदियों पुरानी पहचान और ग्रामीणों की आस्था का प्रतीक था. स्थानीय लोगों के अनुसार, यह बरगद वर्षों से गांव को छाया और सुकून दे रहा था. जब वन माफियाओं ने इस विशाल पेड़ पर कुल्हाड़ी चलाई तो ग्रामीणों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, लेकिन माफियाओं के आगे उनकी एक न चली. ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध कटाई करने वाले इतने बेखौफ हैं कि वे दिनदहाड़े इस अपराध को अंजाम दे रहे हैं.
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वन विभाग की चुप्पी पर सवाल
इस पूरे मामले में सबसे चौंकाने वाली बात वन विभाग की निष्क्रियता है. ग्रामीणों का कहना है कि इतने बड़े पैमाने पर हो रही पेड़ों की कटाई से वन विभाग का अंजान बना रहना समझ से परे है. उनके आंखें मूंदे रहने के कारण ही माफियाओं के हौसले बुलंद हैं. ग्रामीण अब सवाल उठा रहे हैं कि अगर जिम्मेदार विभाग ही अपनी आंखें मूंद लेगा, तो सरकार के पर्यावरण बचाने के वादे कैसे पूरे होंगे?
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अधिकारी ने दिया कार्रवाई का आश्वासन
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में वन माफियाओं के बढ़ते दुस्साहस और सरकारी विभागों की उदासीनता को उजागर कर दिया है. ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. इस संबंध में वन अधिकारी योगेंद्र यादव से बात की गई. उन्होंने बताया, “यह मामला मेरे संज्ञान में आया है. मैं इसे दिखवाकर उचित कार्रवाई सुनिश्चित करूंगा. ग्रामीणों को उम्मीद है कि अधिकारी के आश्वासन के बाद जल्द ही इस पर रोक लगेगी और दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
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