बलरामपुर. जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामना आया है. जहां रेहरा थाना की पुलिस और वन विभाग ने मुर्दा जलाने के लिए काटी गई लकड़ी को लेकर ग्रामीणों के खिलाफ केस दर्ज किया है. इस कार्रवाई के बाद प्रदेश के आबकारी और जिला प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने कड़ी आपत्ति जताई है. साथ ही मुकदमे को खत्म करने के निर्देश दिए हैं.

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बता दें कि रहरा बाजार थाना क्षेत्र के नवाकोल गांव निवासी राम सागर राजभर की बीमारी से मौत हो गई थी. आर्थिक स्थिति ठीक न होने पर गांव के कुछ लोगों ने शव को जलाने के लिए वन विभाग के कर्मचारियों से लकड़ी देने की मौखिक मांग की. 21 जुलाई को मृतक के बेटे और गांव के कुछ लोगों ने दो सूखे पेड़ काट कर शव का अंतिम संस्कार कर दिया. वहीं एक महीने बीत जाने के बाद तेंदुआ वन बीट के वन रक्षक सतेंद्र यादव ने रहरा थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई कि रहरा वन क्षेत्र के तेंदुआ बीट के कक्ष संख्या 2 में वन दरोगा कैलाश शुक्ला के साथ गस्त पर थे, तभी सूचना मिली कि कुछ लोग मुर्दा जलाने के लिए सूखी लकड़ी काट रहे हैं. मौके पर पहुंचने पर लोग फरार हो गए. मौके से काटा गया दो अदद बोटा बरामद हुआ.

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वहीं पुलिस ने भी बिना जांच पड़ताल किए मृतक राम सागर के बेटे रोहित राजभर, विजय पाल वर्मा और एक अन्य अज्ञात के खिलाफ वन संरक्षण अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया. वहीं बुधवार को प्रदेश के आबकारी और जिले के प्रभारी मंत्री बलरामपुर पहुंचे तो उनके सामने यह मुद्दा उठा, जिसे सुन दंग रह गए. प्रभारी मंत्री नितिन अग्रवाल ने इस मामले पर गहरी अपत्ति जताते हुए कहा, यह तो बहुत दुखद है. मुर्दा जलाने के लिए लकड़ी ली गई है. मानवता के नाते इसमें मुकदमा दर्ज करने का कोई औचित्य नहीं है. मैं एसपी से कहूंगा कि केस को तत्काल खत्म किया जाए.

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