प्रयागराज. बीते 19 सितंबर 2024 को आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू (Chandrababu Naidu) ने हिंदुओं के आस्था के सबसे बड़े केंद्रों में से एक तिरुपति बालाजी मंदिर के ‘लड्डू प्रसादम’ (laddu prasadam) में जानवरों की चर्बी मिलाने के सनसनीखेज दावा किया था. सीएम नायडू ने पूर्ववर्ती YSRCP सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि उन लोगों के सरकार में तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी इस्तेमाल होती थी. मामला सामने आने के बाद देशभर के मंदिरों में प्रसाद की जांच का दौर शुरु हो गया है. इसी कड़ी में प्रयागराज के मुख्य मंदिरों में मिठाई के भोग में प्रतिबंध लगा दिया गया है.
अब भक्त केवल घर में बने प्रसाद ही अर्पित कर सकेंगे. अलोप शंकरी, ललिता देवी, बड़े हनुमान जी, और मनकामेश्वर महादेव मंदिर में यह व्यवस्था लागू की गई है, जबकि अन्य मंदिरों में इसे जल्द लागू किया जाएगा. ललिता देवी मंदिर के मुख्य पुजारी शिवमूरत मिश्रा के अनुसार ये निर्णय तिरुपति मंदिर में लड्डू के विवाद के बाद लिया गया है. उन्होंने बताया कि मिठाई विक्रेताओं पर भरोसा नहीं किया जा सकता है. क्योंकि मिलावट का खतरा रहता है. इसलिए, गुड़-चना, फल-फूल, और पवित्र प्रसाद को ही भोग के रूप में अर्पित करने का निर्णय लिया गया है.
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इस बीच मंदिर परिसर में शुद्ध मिठाई की दुकानें खोलने की योजना भी बनाई जा रही है. अन्य मंदिरों के महंतों ने भी मिठाई के भोग पर रोक लगाई है और डीएम को पत्र लिखकर शुद्ध प्रसाद की मांग की है. ये कदम आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू के तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसाद के बारे में किए गए दावे के बाद उठाया गया है.
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