लखनऊ. वाराणसी से लखनऊ के बीच चलने वाली दैनिक वरुणा एक्सप्रेस का फिर से संचालन शुरू किया जाएगा. इसके स्वरूप और समय में बदलाव कर इसे चलाए जाने की तैयारी है.  काशी और लोहता रेलवे स्टेशनों को भी और विकसित करने की तैयारी है. यह बातें उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक आशुतोष गंगल ने बुधवार को कैंट स्टेशन के वीआईपी लांज में प्रेसवार्ता के दौरान कहीं.

आशुतोष गंगल से वंदे भारत के संचालन पर पुछे गए सवाल पर उन्होंने बताया कि पूर्व में उत्तर रेलवे के प्रमुख स्टेशनों से टी-18 ट्रेनों को चलाने का प्रस्ताव मंत्रालय को भेजा गया था. जिसपर आदेश आने पर वंदे भारत को हरी झंडी मिलने की उम्मीद है.  बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 75वें स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से देश भर में 75 सप्ताह में 75 वंदे भारत ट्रेन चलाने का ऐलान किया था.

उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने बताया कि उत्तर रेलवे की ओर से कोरोना काल के दौरान प्रदेश में चार हजार मीट्रिक टन ऑक्सीजन की सप्लाई की गई. साथ ही कई विशेष ट्रेनों का संचालन भी किया गया. उन्होंने बताया कि राजघाट पुल पर तीसरा सिग्नेचर ब्रिज बनाया जाना है, जिसका खाका तैयार किया जा रहा है. आने वाले दिनों में कैंट स्टेशन पर और सुविधाएं बढ़ाई जाएंगी.

अपने दो दिवसीय दौरे पर निकले महाप्रबंधक ने दूसरे दिन लखनऊ-वाराणसी रेलखंड का विंडो ट्रेलिंग से निरीक्षण किया. कैंट स्टेशन पर पहुंचकर महाप्रबंधक ने स्टेशन पर चल रहे कार्यों की जानकारी ली. कार्यों को निर्धारित समय पर उचित मानकों के साथ पूरा करने का निर्देश दिया.

जल्द ही रक्षक डिवाइस से लैस होंगे ट्रैकमैन

रेलवे ट्रैक पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए उत्तर रेलवे की लखनऊ मंडल की ओर से जल्द ही रक्षक डिवाइस की व्यवस्था की जाएगी. ताकि डिवाइस के माध्यम से काम करते समय ट्रेन आने की सूचना कर्मचारियों तक पहुंच सके. ट्रैकमैन डिवाइस के माध्यम से ट्रेन किस ट्रैक पर आ रही है. इसकी जानकारी हासिल कर सकेंगे.

रेलवे कॉलोनियों की बदलेगी तस्वीर

उत्तर रेलवे की कालोनियों की तस्वीर जल्द ही बदलेगी. इनमें लोकों कालोनी, आरएमएस और एईएन कालोनी को विकसित किया जाएगा. उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक ने बताया कि कालोनियों के मेंटेनेंस में उसकी गुणवत्ता का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा.