बाराबंकी. बांदा जेल में बंद माफिया डॉन बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को अब जेल में पर्याप्त सुरक्षा दी जाएगी. एमपी एमएलए कोर्ट में पेशी के दौरान अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने एक हलफनामा विशेष न्यायालय एमपी एमएलए कोर्ट में दाखिल किया था. जिसका संज्ञान लेते हुए एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश ने जेल अधीक्षक बांदा व पुलिस अधीक्षक बांदा को आदेश दिया है कि जेल में बंद बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को जेल मैनुअल के हिसाब से सुरक्षा दी जाए. जबकि इस आदेश के बाद उसका बांदा जेल प्रशासन ने संज्ञान लेकर कहा कि जेल में बंद मुख्तार अंसारी को जान के खतरे की बात का निश्चित ही संज्ञान लिया जाएगा.

वहीं बताते चलें बीती अप्रैल महीने मे जिले के कोतवाली नगर में कथित एम्बुलेंस के निजी प्रयोग में लिए जाने का खुलासा हुआ था. जिसके बाद कोतवाली नगर में एसपी यमुना प्रसाद के निर्देश पर कोतवाली नगर में तैनात अतिरिक्त प्रभारी निरीक्षक अपराध महेंद्र प्रताप सिंह विवेचना शुरू की थी, जिसमें एम्बुलेंस का पंजीकरण बाराबंकी एआरटीओ ऑफिस में डाक्टर अलका राय निवासी श्रीनगर कॉलोनी कोतवाली नगर का नाम प्रकाश में आया था. जब विवेचना कर रही पुलिस श्रीनगर कॉलोनी के उस मकान पर पंहुची तो पता चला कि पिछले कई दसकों से यहां कोई डाक्टर अलका राय नामक महिला नही रह रही है, जबकि एक साधारण परिवार उस मकान में तीन दशकों से निवास कर रहा है. उसके बाद पुलिस ने विवेचना और तेज कर दी उसमे निकल कर आया कि डाक्टर अलका राय श्याम संजीवनी नामक अस्पताल मऊ जिले मे चला रही वो उसकी संचालक हैं.

इस पर पुलिस टीम महेंद्र प्रताप सिंह के साथ मऊ जिले के लिये रवाना हुई. वहां से डा. अलका राय उनके सहयोगी डा. एसएन राय को गिरफ्तार करके बाराबंकी लाई और यहां से जिला जेल भेज दिया फिर बारी-बारी से इन लोगों से पूछताछ के आधार पर अन्य लोगों को आरोपी बनाते गए और सभी की धीरे धीरे गिरफ्तारी होती चली गई. जिसमें आंनद यादव, राजनाथ यादव, शाहिद मुजाहिद और एम्बुलेंस चालक रहे सुरेंद्र शर्मा व अन्य लोगों को गिरफ्तार करके जेल रवाना कर दिया. वहीं अभी दो और इनामी आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर है. उनकी तलाश में पुलिस संभावित स्थानों पर दबिश देने का काम करती चली आ रही है. लेकिन सफलता नहीं मिल पा रही है.