बांदा. डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को अपना ये विकास देखना चाहिए. विकास ऐसा कि मरीज को एंबुलेंस तक नहीं मिली. मजबूरी में परिजन 60 किलोमीटर का सफर बाइक से तय करके मरीज को अस्पताल लेकर पहुंचे. इस मामले ने न सिर्फ सरकार के झूठे दावों की पोल खोल है, बल्कि पूरे स्वास्थ्य व्यवस्था के बीमार होने की तस्वीर सामने लाई है. ऐसे में सवाल खड़ा हो रहा है कि क्या मंत्री ब्रजेश पाठक अपने ‘बीमारू’ सिस्टम का इलाज कब करेंगे? या सिर्फ दावा ही करेंंगे?

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बता दें कि पूरा मामला मरका थाना क्षेत्र के मऊ गांव का है. जहां रहने वाले देवराज (58) की तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद परिवार वालों ने एंबुलेंस के लिए सरकारी हेल्पलाइन नंबर पर फोन किया. इस दौरान कई दफा फोन नहीं लगा. एक-2 बार लगा भी तो पूरी बात नहीं हो पाई. जिसके बाद परिजनों ने तबियत को देखते हुए बाइक पर एक ट्रॉली जोड़कर उसी में लिटाकर 60 किलोमीटर का सफर तय करके अस्पताल पहुंचे.

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गनीमत रही कि मरीज को जान बच गई. जिला अस्पताल के ट्राॅमा सेंटर में मरीज का इलाज जारी है. मामले को लेकर परिजनों का कहना है कि सरकार के द्वारा जारी 108 और 102 हेल्पलाइन नंबर में फोन ही नहीं लगता है. ऐसे में क्षेत्र के लोगों के लिए किसी काम का नहीं है. वहीं मामला सामने आने के बाद सीएमओ, बांदा का कहना है कि नेटवर्क समस्या के कारण और मौसम खराबी के कारण दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मामले की जांच की जाएगी.