अयोध्या. सपा को मिल्कीपुर उपचुनाव से पहले बड़ा झटका लगा है. सपा के पूर्व ब्लॉक प्रमुख कमलेश यादव ने 3 दर्जन ग्राम प्रधान के साथ भाजपा का दामन थाम लिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा ने यादव वोट बैंक में सेंध लगा दी है. जिसका फायदा भाजपा को चुनाव में हो सकता है.
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बता दें कि 5 फरवरी को मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव के लिए मतदान होना है. जिसको जीतने के लिए भाजपा और सपा साम, दाम, डंड, भेद सब लगा रही है. भाजपा और सपा दोनों दलों के लिहाज से ये सीट काफी अहम मानी जा रही है. जहां एक ओर सपा इस सीट को फिर से जीतकर अपने झोली में डालना चाहती है. वहीं भाजपा लोकसभा चुनाव में अयोध्या में मिली हार का बदला लेने के लिए इस सीट पर जीत दर्ज करना चाह रही है. यही वजह है कि भाजपा ने इस सीट पर अपना पूरा दमखम लगा दिया है.
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होगा त्रिकोणीय मुकाबला
2022 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर अवधेश प्रसाद ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी. लोकसभा चुनाव के बाद ये सीट खाली हो गई. ऐसे में सपा ने अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर इस सीट पर दांव लगाया है. वहीं भाजपा ने तमाम समीकरणों को देखते हुए चंद्रभान पासवान को मिल्कीपुर से अपना प्रत्याशी बनाया है. वहीं आजाद समाज पार्टी ने सूरज चौधरी को अपना उम्मीदवार बनाया है. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है.
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2022 में भाजपा को मिली थी हार
सपा के अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर सीट पर 2022 विधानसभा चुनाव में बीजेपी के गोरखनाथ को 12,923 वोटों से हराया था. लोकसभा चुनाव 2024 में भी सपा ने अवधेश प्रसाद को फैजाबाद सीट से चुनावी मैदान में उतारा था. उन्होंने बीजेपी के लल्लू सिंह को 55,000 से अधिक वोटों से हराया था.
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