लखनऊ. देश भर में कोरोना ने तबाही मचा दी है. अब कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस का खतरा मंडरा रहा है. गुजरात में अब तक कई लोगों की हो मौत चुकी है. इसको लेकर KGMU ने जानकारी दी है कि यह कितना घातक है. वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति से ब्लैक फंगस पर पूरी रिपोर्ट मांगी है.
कोरोना संक्रमण के बाद अब ब्लैक फंगस मुसीबत बन गई है. KGMU अस्पताल के प्रवक्ता सुधीर ने बताया कि ब्लैक फंगस को म्यूकारमायकोसिस भी कहा जाता है. इम्यूनिटी लो होने पर फंगस शरीर को जकड़ता है. इससे डायबिटीज वाले और कोविड मरीज को ज्यादा खतरा है. फंगस से बचने के लिए लोगों को डायबिटीज को कंट्रोल करने की जरूरत है. कोरोना मरीज लंबे समय तक एस्ट्रॉयड लेने से बचें.
प्रवक्ता सुधीर ने कहा कि ब्लैक फंगस का लक्षण मुख्यतः फेफड़े में होता है. रोगियों में आंखों के पास सूजन आने लगती है. सांस लेने में तकलीफ, खांसी और बुखार होता है. ब्लैक फंगस के चलते पेट में भी तेज दर्द होता है. स्किन में इन्फेक्शन होने पर कालापन आ जाता है. फंगस दिमाग पर गहरा असर डालता है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत इलाज शुरू होना चाहिए.
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ब्लैक फंगस बीमारी पर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं साथ ही विस्तृत रिपोर्ट भी मांगी है. निर्देश में सीएम ने राज्य स्तरीय गठित स्वास्थ्य विशेषज्ञों की समिति से इस संबंध में विमर्श करने को कहा है. बचाव के लिए सावधानियां, लाइन ऑफ ट्रीटमेंट और तैयारियों की विस्तृत रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. सीएम योगी ने ब्लैक फंगस पर पूरी रिपोर्ट मांगी है.
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