रायबरेली. सरकारी अस्पताल से लापरवाही का मामला सामने आया है. जिसमें मौत के बाद भी मरीज का इलाज चल रहा है. लापरवाही की इतनी बड़ी घटना जिला अस्पताल की है. मृतक ब्लड कैंसर की बीमारी से जूझ रहा था.

रायबरेली के जिला सरकारी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीज की नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते न सिर्फ जान चली गई बल्कि सफाई कर्मी महिला द्वारा भर्ती मृत हो गए युवक के शरीर से जांच के लिए ब्लड निकालने की कोशिश की गई, लेकिन नाकाम रही. परिजनों ने नाराजगी जताते हुए ब्लड निकालने से मना कर दिया. उसके कुछ देर बाद डॉक्टर अभिजीत सैनी भारतीय जनता पार्टी की झंडी फॉर्च्यूनर में सवार होकर आए और दूर से ही देख कर चले गए. तब तक भर्ती मरीज की मौत हो गई थी. जब मीडिया ने मृतक की तरफ कैमरा घुमाया तो जिला अस्पताल में तैनात स्वास्थ्य कर्मी 20 मिनट पहले मर चुके युवक को ऑक्सीजन लगाया जा रहा है.

यही नहीं कुछ देर बाद एक स्वास्थ्य कर्मी वहां से 2 इंजेक्शन लेकर आए जो बाहर से 800-800 में मंगाए गए थे. जो तुरंत लगी ड्रिप में दोनों इंजेक्शन लगा दिए गए जिनकी तस्वीरें कैमरे में कैद हो गई. वहीं ईएमओ डॉ नवीन शर्मा मौके आये और मृत मरीज का इलाज कर रहे स्वास्थ्य कर्मियों को जमकर फटकार भी लगाई. मृतक के परिजनों ने आरोप लगाते हुए कहा की स्टाफ नर्स व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते उनके मरीज की जान चली गई.

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दरअसल ऊंचाहार थाना क्षेत्र के खरौली ग्राम निवासी राजेश कुमार पांडे के भाई अपने भतीजे को जिला अस्पताल में ब्लड चढ़ाने के लिए लाए थे. मृतक के परिजनों ने बताया कि उनके मरीज को ब्लड कैंसर है. ब्लड के लिए रायबरेली जिला चिकित्सालय में लाकर मरीज को भर्ती करवाया गया था. लेकिन दो घंटे में ही मरीज की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने कहा कि हमारा तो रायबरेली जिला अस्पताल से वह उनकी व्यवस्थाओं से भरोसा उठ गया. हम शिकायत करके करेंगे भी क्या कोई सुनवाई नहीं होगी सिस्टम ही ऐसा चल रहा है.

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