बिजनौर. जिले में स्थित ऐतिहासिक और महाभारतकालीन स्थल विदुर कुटी के पर्यटन विकास की महत्वाकांक्षी योजना को हरी झंडी दे दी है. महाभारत सर्किट के प्रमुख गंतव्य स्थल के रूप में विकसित किए जा रहे. इस स्थल के लिए राज्य सरकार ने अनुमानित 20 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है. महाभारत कालीन महाननीतिज्ञ महात्मा विदुर से जुड़ा यह स्थल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है.
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पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया, कुरुवंश के महामंत्री महात्मा विदुर की तपोस्थली विदुर कुटी का ऐतिहासिक महत्व है. प्रदेश सरकार इस धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को संवारने के लिए प्रतिबद्ध है. विभाग विदुर कुटी को पर्यटन की दृष्टि से और अधिक आकर्षक बनाने पर कार्य कर रहा है, जिससे आगंतुकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें. पर्यटन विभाग विदुर कुटी स्थल विकास के माध्यम से बिजनौर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर नई पहचान दिलाने का प्रयास कर रही है. पर्यटन विकास के अंतर्गत प्रवेश द्वार, सौंदर्यीकरण, प्रकाश व्यवस्था, सूचना केंद्र, शौचालय, पेयजल व्यवस्था, विश्राम स्थल का निर्माण जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी.
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पर्यटन मंत्री ने बताया कि विदुर कुटी स्थल की विकास परियोजना न केवल क्षेत्र के धार्मिक पर्यटन को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे. बिजनौर जिले के वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट (ओडीओपी) लकड़ी पर नक्काशी उद्योग को विशेष रूप से लाभ मिलेगा. विभाग के प्रयास से क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक पहचान के साथ स्थानीय कारीगरों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ होगी.
मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि बिजनौर में इको टूरिज्म विकास की भी अभूतपूर्व संभावनाएं हैं. जिले में अमानगढ़ टाइगर रिजर्व और हैदरपुर वेटलैंड प्रमुख स्थल हैं. अमानगढ़ टाइगर रिजर्व 95 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जो वन्यजीवों और प्रकृति प्रेमियों की पहली पसंद बनकर उभरा है. बाघों समेत कई दुर्लभ प्रजातियों के जीवों की उपस्थिति इसे वन्यजीव प्रेमियों के लिए विशेष स्थल बनाती है. वहीं, हैदरपुर वेटलैंड भी पर्यटकों को खासा आकर्षित करती रही है. यह वेटलैंड पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है, जहां सर्दियों के मौसम में देश-विदेश से प्रवासी पक्षी देखने को मिलते हैं. पर्यटन विभाग द्वारा संचालित होम स्टे पर्यटकों के लिए सस्ते दरों पर उपलब्ध हैं. बिजनौर का यह इको टूरिज्म मॉडल न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि सतत विकास की दिशा में भी अहम कदम साबित हो रहा है.
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महात्मा विदुर ने महाभारत युद्ध को टालने के लिए महाराज धृतराष्ट्र को समझाने का प्रयास किया था, लेकिन दुर्याेधन के मोह में धृतराष्ट्र ने उनकी सलाह को अनसुना कर दिया. महात्मा विदुर हस्तिनापुर में अपना सब कुछ छोड़कर गंगा के पूर्वी छोर पर आए और गंगा किनारे कुटी बनाकर रहने लगे थे. मान्यता है कि महाभारत काल में श्रीकृष्ण कौरवों को जब समझाने में असफल रहे, तो वह महात्मा विदुर की कुटी में आए थे. विदुर आश्रम में महात्मा विदुर के पदचिन्ह आज भी संगमरमर पर सुरक्षित है, जिसके दर्शन के लिए लोग उमड़ते हैं. उनकी विदुर नीति लोकमानस में आज भी लोकप्रिय है. चाणक्य नीति की तरह विदुर नीति को भी प्रमुख स्थान दिया गया है.
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