कानपुर. पिछले साल बिकरू नरसंहार में शहीद हुए एक कांस्टेबल की विधवा पत्नी ने परिवार को अनुग्रह राशि प्रदान करने में भेदभाव का आरोप लगाया है. कांस्टेबल राहुल की पत्नी दिव्या ने विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) के पद पर नियुक्ति की मांग की है और कहा है कि वह अब इस मामले में न्यायिक समाधान की मांग करेंगी.

हाल ही में गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की छापेमारी के दौरान मारे गए एक मृत व्यापारी की पत्नी को कानपुर विकास प्राधिकरण (केडीए) में ओएसडी के रूप में नियुक्त किया गया था. दिव्या ने निराशा व्यक्त करते हुए शहीदों की याद में आयोजित कार्यक्रमों को महज औपचारिकता करार दिया. 3 जुलाई, 2020 को कानपुर के बिकरू गांव में सशस्त्र हमलावरों के हमले में, पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी, पेंशन और आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी. मृतक डीएसपी की बेटी को घटना के दो महीने बाद ओएसडी बनाया गया था.

शहीद कांस्टेबल बबलू कुमार के भाई को उसी पद पर नियुक्त किया गया था, जबकि उप-निरीक्षकों नेबू लाल, महेश कुमार और कांस्टेबल जितेंद्र पाल के परिवार के सदस्यों ने जवाब देने के लिए समय मांगा था. सब-इंस्पेक्टर अनूप सिंह और कॉन्स्टेबल सुल्तान की पत्नियों ने फिजिकल टेस्ट पास नहीं किया था.