विक्रम मिश्र, लखनऊ. भारतीय जनता पार्टी का संगठन अब 2027 के चुनाव को लेकर जुटने की रणनीति तैयार कर रहा है. ऐसे में सभी फ्रंटल संगठनों को मैदान में उतरने को निर्देश भी जारी कर दिए गए है. समाजवादी पार्टी के पीडीए का माकूल जवाब देने और लोकसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त को विधानसभा से जीत में तब्दील करने को लेकर भाजपा सभी जातियों को जोड़कर आगे बढ़ने की रणनीति पर काम कर रही है. यही कारण है कि विपक्ष के PDA के जवाब में सभी वर्गों को भाजपा साध रही है.
करीब 1.7 लाख कार्यकर्ताओं को बीजेपी समायोजित करने का लक्ष्य भाजपा ने तैयार किया है. जिससे कि संगठनात्मक मंडलों के गठन को लेकर भी भाजपा की तरफ से कवायद तेज कर दिया गया है. जितने भी बड़े और संगठन का अनुभव रखने वाले नेता है सभी को जिलेवार या मंडलवार जिम्मेदारी देने की तैयारी भाजपा संगठन कर रहा है. जिसमे पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्गों को विशेष तौर पर नेतृत्व देने की कवायद भी तेज की जा रही है.
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कार्यक्रम की रूपरेखा में ओबीसी और एससी एसटी की जातियों पर विशेष जोर देने की कोशिश की जाएगी. भाजपा दलित और पिछड़ों के साथ उन जातियों के नेताओ पर विशेष फोकस रखने की तैयारी में है. जिन्होंने अब तक प्रतिनिधित्व नही पाया है. इसके साथ ही यूपी के 75 जिलों में से 47 जिलों में जिलाध्यक्ष की घोषणा प्रथम चरण में ही कर दी गई थी ऐसे में बचे 28 जिलों के जिला अध्यक्ष भी जल्द ही घोषित होंगे.
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